पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए NIOS बनेगा मसीहा

Thursday, Jul 26, 2018 - 02:01 PM (IST)

कोलकाताः पढ़ाई के बढ़ते बोझ को आजकल कई बच्चे नहीं उठा पा रहे जिस कारण उनके परिजन परेशान रहते हैं। उन्हीं कमजोर बच्चों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (National Institute of Open Schooling) मसीहा बनकर उभरेगा। 

जैसा कि सभी जानते हैं कि बच्चों के मन को पढ़ पाना बहुत मुश्किल है लेकिन माता-पिता के लिए अपर्याप्तता की भावनाओं को समझना और महसूस करना बहुत आसान है।  पेरेंटिंग दृष्टिकोण बच्चों को सुरक्षित महसूस करने में मदद करता है। माता-पिता को उनके बच्चों को पोषित  और उनकी प्रशंसा करने में मदद करने के लिए पोषित और प्रशंसा की आवश्यकता होती है। अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को बढ़ने में मदद करने के लिए लगभग हर संसाधन का उपयोग करते हैं,पर फिर भी, वे चिंता करते हैं कि वे पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं। जिसका कारण उनके मानसिक विकास का न होना है।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान इन बच्चों का हाथ पकड़े इन्हें आगे बढ़ने में गति प्रदान करता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उन शिक्षार्थियों, जो पश्चिम बंगाल सरकार की ऐसी स्कूली शिक्षा प्रणाली के तहत अध्ययन करना चाहते हैं, पश्चिम बंगाल परिषद रबींद्र ओपन स्कूलिंग से संपर्क कर सकते हैं। एनआईओएस पूर्व-स्तर तक शिक्षार्थियों के एक विषम समूह की जरूरतों को पूरा करने वाला ओपन स्कूल  है। इसे 1979 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा निर्मित परियोजना के रूप में शुरू किया गया था।


 
 
 
  
 

 
 

Sonia Goswami

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