NEET 2018 :  सिर्फ 17% अंक हासिल करने वाले भी ले सकेंगे एमबीबीएस में ऐडमिशन

Tuesday, Jun 05, 2018 - 12:01 PM (IST)

नई दिल्ली : एक समय था जब स्टूडेंट्स एमबीबीएस कॉलेज में दाखिलें बहुत मेहनत करते थे , लेकिन फिर भी उन्हें मुश्किल से एडमिशन मिल पाता था, लेकिन अब एेसा नहीं है, क्योंकि आज के समय में एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन लेना आसान हो गया है। जहां पहले उम्मीदवारों को एडमिशन के लिए 50 फीसदी अंक हासिल करने होते थे, वहीं अब उम्मीदवार 20 फीसदी अंक हासिल करके भी दाखिला ले सकते हैं। क्योंकि इस साल भी नीट की कट अॉफ में पिछले साल की तुलना में कम हुई है। अनारक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए इस बार कट ऑफ 720 में 119 अंक है  जबकि पिछले साल 131 थे। इस साल सिर्फ 17 फीसदी अंक । वहीं आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए इस बार कट ऑफ 107 से गिरकर 96 पर आ पहुंचा है। 

नीट के कट ऑफ कम होने का मतलब है कि कम पर्सेंटेज वाले छात्र भी इस बार एमबीबीएस में ऐडमिशन ले पाएंगे। पिछले साल भी 180 से कम अंक लाने वाले 4300 छात्रों का दाखिला एमबीबीएस में हो गया था। नीट की परीक्षा में 720 में से 180 अंक मिनिमम होते हैं जो एक छात्र को मिलते हैं अगर उसने 40 प्रतिशत सही उत्तर दिए हो तो। पिछले साल 11,114 छात्र जिन्हें 720 में 270 से कम अंक आए थे उन्हें मेडिकल कॉलेजों में ऐडमिशन मिल गया था। हालांकि इनमें ज्यादातर प्राइवेट कॉलेज ही थे। नीट से पहले एमबीबीएस में दाखिला लेने के लिए अलग-अलग ऐंट्रेंस इग्जाम के जरिए कम से कम 50 प्रतिशत मार्क्स लाने होते थे। पर्सेंटाइल सिस्टम के द्वारा 270 से कम अंक लाने वाले छात्र भी अब 80 पर्सेंटाइल के अंदर आ रहें हैं। 

इस बार की नीट की परीक्षा में जिसे 119 अंक मिले होंगे उसे अधिक से अधिक 33 प्रतिशत जवाब सही दिए होंगे। हालांकि हर विषय के लिए एक तय कट ऑफ न होने के कारण पिछले साल कई छात्रों को ऐडमिशन मिल गया था। नीट के गिरते कट ऑफ के कारण संभव है कि अगले साल भी हमें यही देखने को मिले या परिणाम इससे भी बुरे हो। 

bharti

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