विश्वविद्यालयों में वर्तमान जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू करने की जरूरत: आर्य

Tuesday, Mar 12, 2019 - 02:29 PM (IST)

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों और पदाधिकारियों का शिक्षण संस्थानों में वर्तमान जरूरत के अनुसार पाठ्यक्रम लागू करने का आहवान किया है ताकि विद्यार्थी विश्वस्तरीय शिक्षा के अनुरूप स्वयं को तैयार कर सकें।  आर्य ने आज यहां राजभवन में आयोजित कुलपतियों की बैठक को संबोधित करते हुये यह बात कही।

 

बैठक में विश्वविद्यालय एवं अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित दस बिन्दुओं की समीक्षा की गई। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को दृष्टि योजना तैयार कर निश्चित अवधि में ही शिक्षा से संबन्धित कार्य योजनाएं पूरी करने के निर्देश दिये। बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल कुमार, राज्यपाल के सचिव विजय सिंह दहिया, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ए. श्रीनिवास और प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।  उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन को सभी अवर स्नातक, सनात्कोत्तर, तथा अनुसंधान से संबन्धित पाठ्यक्रमों में विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली(सी.बी.सी.एस) लागू करने को भी कहा ताकि विद्यार्थी अपनी रूचि अनुसार विषयों और पाठ्यक्रमों में पढ़ाई पूरी कर सकें। उन्होंने विश्वविद्यालयों की स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर परीक्षा दिवसों और परिणाम घोषित करने की समयावधि कम करने को भी ताकि विद्यार्थियों को कक्षाओं के लिए अधिकाधिक समय मिले।  बैठक में राज्यपाल ने अनुसंधान और नवाचार पर बल देते हुए अनुसंधान कार्यों के लिए विश्वविद्यालय परिसरों में शिक्षा के उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर विद्यार्थियों को अधिकाधिक सुविधाएं मुहैया कराने, ऑनलाइन पाठ्यक्रम तथा आधुनिक तकनीक से अध्यापन का कार्य करने, विश्वविद्यालयों में फ्लोटिंग संकाय उपलब्ध कराने, विश्वविद्यालयों को विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों और कंपनियों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और अनुभवी व्यक्तियों को आमंत्रित कर विद्यार्थियों से पारस्परिक चर्चा कराने तथा कक्षाओं में लैक्चर कराने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालयों में शिक्षास्तर उपर उठेगा तथा विद्यार्थियों का व्यवसायिक ²ष्टिकोण भी विकसित होगा। 

आर्य ने विश्वविद्यालयों को आर्थिक दृष्टि से सु²ढ़ बनाने के लिए फंड्स जुटाने की अपील करते हुये कहा कि इस संबंध में वे ऐल्यूमनी मीट करा कर पुराने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयों से जोड़कर विश्वविद्यालयों में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं। उन्होंने कुलपतियों से विश्वविद्यालयों में यूजीसी अनुसार शैक्षणिक कलेंडर तैयार कर उसी के तहत शैक्षिक कार्य योजना अपनाने के भी निर्देश दिये और कहा कि इससे निश्चित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। 

pooja

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