राजनीति के लिए बनी मानसिकता बदलने की जरूरत: अरविंद केजरीवाल

Wednesday, Dec 04, 2019 - 10:50 AM (IST)

नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश है जहां भरपूर संसाधनों के साथ ही टॉप क्लॉस का दिमाग भी लोगों के अंदर है, यही वजह है कि विश्व की बड़ी कंपनियों में एक या दो भारतीय उच्च पदों पर आसीन हैं। युवाओं के पास 60 साल का समय है, इसी दिमाग का इस्तेमाल कर देश में सिस्टम को बदलने की आवश्यकता। कहा जाता है कि राजनीति खराब है। जो कहीं सफलता नहीं पाता वो राजनीति में आता है। आवश्यकता है कि राजनीति के लिए बनी यह मानसिकता बदलने की जरूरत है। इसलिए मैं उन सभी युवाओं को राजनीति में आने के लिए आमंत्रित करता हूं जो सिस्टम को बदलना चाहते हैं। 

उक्त बातें मुख्य अतिथि व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) के 13वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य पर कहीं। इस दौरान आईपीयू के चांसलर व दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव विजय कुमार देव, सीएसआईआर के पूर्व डीजी प्रो. समीर के. ब्रह्मचारी व आईपीयू के कुलपति प्रो. (डा.) महेश वर्मा भी मौजूद रहे। 

दीक्षांत समारोह में कुल 68,662 छात्र छात्राओं को एकेडमिक इयर 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के लिए डिग्रियां दी गईं, जिसमें 108 पीएचडी, 542 एमबीबीएस, 11,683 स्नातकोत्तर, 55,367 बैचलर, 108 बीडीएस, 656 एमडी/एमएस, 122 डीएम/एम. सीएच और 76 एम फील के छात्र छात्राओं को दिया गया। इसके अलावा 258 फस्र्ट रैंक होल्डर्स को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 16 असाधारण प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी अवार्ड देकर प्रोत्साहित किया गया। वहीं इस मौके पर चांसलर अनिल बैजल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस के बढ़ते अनुप्रयोंगों पर बल देते हुए कहा कि आने वाले समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस की उपयोगिता बहुत बढ़ेगी।

Riya bawa

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