शिक्षकों की शिक्षा के लिए स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय संस्थान

Wednesday, May 09, 2018 - 04:29 PM (IST)

नई दिल्ली: शिक्षकों एवं शिक्षक प्रशिक्षकों की पेशेवर जरूरतें पूरी करने, नवोन्मेषी प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने तथा विशेषज्ञता से जुड़े क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने के लिये ‘‘राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण संस्थान’’ स्थापित किया जायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया,, ‘‘ मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शिक्षक शिक्षा के विषय के संबंध में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के विचार पर एक समग्र पत्र तैयार करने के लिये जुलाई 2017 में एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ समिति की ओर से पेश रिपोर्ट के आधार पर ‘‘राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण संस्थान’’ स्थापित करने का निर्णय किया गया है। ’’  अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण संस्थान स्थापित करने के मुद्दे पर इच्छुक शिक्षाविदों एवं शिक्षा से जुड़े विभिन्न पक्षों से 25 मई 2018 तक राय मांगी गई है। मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण संस्थान स्थापित होने से ऐसा नहीं है कि शिक्षक शिक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थागत कमियां दूर हो जायेंगी बल्कि यह प्रस्तावित राष्ट्रीय संस्थान शिक्षक और शिक्षक प्रशिक्षकों की पेशेवर जरूरतों को पूरा करने के साथ साथ नीतिगत दिशानिर्देश प्रदान करने का काम करेगा । यह संस्थान नवोन्मेषी प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने तथा विशेषज्ञता से जुड़े क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।   

अधिकारियों का कहना है कि प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण संस्थान, शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में अकादमिक कमियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा । इसके माध्यम से सेवा पूर्व और सेवाकाल में शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।      

संस्थान शिक्षक शिक्षा को समग्र रूप में देखेगा और प्री प्राइमरी से सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर चार वर्षीय समन्वित बी.ए.एड और बी.एसी.एड कार्यक्रम को लागू करेगा। प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण संस्थान देश भर में शिक्षक शिक्षा संस्थाओं को नेतृत्व, मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करेगा । यह एनसीईआरटी, एनसीटीई के अलावा यूनेस्को, यूनीसेफ, यूएनडीपी, आईएलओ जैसी संस्थाओं के साथ करीबी सहयोग के साथ काम करेगा ।  

यह संस्थान नवोन्मेष को बढ़ावा देगा साथ ही सर्वश्रेष्ठ चलन को लिपिबद्ध करेगा तथा इस उद्देश्य के लिये गठजोड़ को भी बढ़ावा देगा । यह विभिन्न शिक्षक शिक्षण संस्थाओं में प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगा और नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करेगा। 
 

pooja

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