चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में MBBS. एवं BDS के अलावा अन्य विकल्प

punjabkesari.in Friday, Jun 22, 2018 - 12:18 PM (IST)

भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान विषयों के साथ 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, छात्र और उनके अभिभावक सोचते हैं कि औषधि/चिकित्सा के क्षेत्र में करियर की संभावनाओं के लिए केवल एम.बी.बी.एस. और बी.डी.एस. पाठ्यक्रम ही होते हैं। किंतु इन पाठ्यक्रमों में उपलब्ध सीटों की संख्या सीमित होने के कारण सभी छात्र प्रवेश-परीक्षाओं में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। इस लेख में ऐसे अन्य विकल्पों का उल्लेख करने का प्रयास किया गया है जो छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उपलब्ध हैं।  

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1.बी.ए.एम.एस. (आयुर्वेदिक औषधि एवं शल्य चिकित्सा स्नातक) 
आयुर्वेदिक विश्व की एक प्राचीन औषधि-प्रणाली है। यह प्रणाली वैदिक काल से प्रचलन में है।  
पाठ्यक्रम का उद्येश्य बी.ए.एम.एस. डिग्री हेतु आयुर्वेद का मूल ज्ञान प्रदान करना है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद के विभिन्न विषयों में मूल और आधारभूत ज्ञान तथा व्यापक व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त आयुर्वेद-स्नातक तैयार करना है। देश की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान करने के लिए छात्र एक कुशल अध्यापक, अनुसंधान कर्ता, स्कॉलर और एक सक्षम आयुर्वेदिक फिजिशियन (काय चिकित्सक) और सर्जन (शल्य चिकित्सक) बन सकता है। भारत में बी.ए.एम.एस. पाठ्यक्रम केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद् आई.एम.सी.सी. अधिनियम, 1970 के अधीन एक सांविधिक निकाय, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शासित किया जाता है। 

पाठ्यक्रम चलाने वाले कुछ कॉलेज:
*श्री धन्वंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज, चंडीगढ़ 
*राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु, कर्नाटक 
*गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर, गुजरात 
*जे.बी.राय राज्य चिकित्सा कॉलेज, कोलकाता पश्चिम बंगाल 
*आयुर्वेद चिकित्सा कॉलेज, कोल्हापुर, महाराष्ट्र 
*राज्य आयुर्वेदिक कॉलेज ऑफ लखनऊ, उत्तर प्रदेश 
*श्री आयुर्वेद महाविद्यालय, नागपुर, महाराष्ट्र 
*ऋषिकुल राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, हरिद्वार, उत्तराखंड.
*दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज, जलंधर, पंजाब  के अलावा कई कालेज हैं।
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2.बी.एच.एम.एस. (होमियोपैथिक औषधि एवं शल्यचिकित्सा स्नातक)
इस विधा का उद्देश्य होमियोपैथिक पद्धत्ति एवं औषधि का प्रयोग करके रोगियों का उपचार करना है। बी.एच.एम.एस. (होमियोपैथिक औषधि एवं शल्यचिकित्सा स्नातक) डिग्री धारी उम्मीदवार डॉक्टर कहलाने का पात्र होता है और वह प्राइवेट प्रैक्टिस करने का पात्र होता है। होमियोपैथिक प्रेक्टिशनर एक मेडिकल रिप्रजेंटेटिव के रूप में या प्राइवेट अथवा सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में कॅरिअर तलाश सकता है।
इस क्षेत्र के व्यवसायी होमियोपैथिक प्रिपरेशंस से जुड़ी कंपनियों में कार्य कर सकते हैं. कोई भी व्यक्ति होमियोपैथिक कॉलेजों में  प्रोफसर या अनुसंधानकर्ता के रूप में रोज़गार  प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में बी.एच.एम.एस. पाठ्यक्रम केन्द्रीय होमियोपैथिक परिषद, आयृुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त निकाय  द्वारा शासित किया जाता है।
 
पाठ्क्रम चलाने वाले कुछ कॉलेज
*राष्ट्रीय होमियोपैथिक संस्थान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल.
*नेहरू होमियोपैथिक चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल, नई दिल्ली.
*डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश.
*भारती विद्यापीठ होमियोपैथिक  चिकित्सा कॉलेज, पुणे, महाराष्ट्र.
*राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सा कॉलेज, बंगलौर, कर्नाटक.
*बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, फरीदकोट, पंजाब आदि के अलावा अन्य कई कालेज हैं।
 
 
3 बी.यू.एम.एस. (यूनानी औषधि एवं शल्यचिकित्सा में स्नातक)
यूनानी औषधि प्रणाली, विश्व के दक्षिण एशिया एवं मध्य-पूर्व देशों द्वारा अपनाई गई एक प्राचीन औषधि प्रणाली है। यह ‘‘हिकमत या यूनानी तिब्ब औषधि के नाम से भी प्रसिद्ध है. इसका इतिहास 6000 वर्ष पुराना है। भारत में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक  प्रणाली के बाद यूनानी चौथी सबसे लोकप्रिय औषधि प्रणाली है। बी.यू.एम.एस. पाठ्यक्रम कामिल-ए-तिब्ब-ओ-जोहरत नाम से भी प्रसिद्ध है। भारत में बी.यू.एम.एस. पाठ्यक्रम भारतीय औषधि परिषद्, आई.एम.सी.सी. अधिनियम 1970 के अंतर्गत आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के एक सांविधिक निकाय द्वारा शासित होता है।
यह यूनानी औषधि एवं शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में एक स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम  है।
पाठ्यक्रम चलाने वाले कुछ कॉलेज :
*राजकीय निजामिया तिब्बिया कॉलेज, हैदराबाद, आंध प्रदेश.
*डॉ. अब्दुल हक यूनानी चिकित्सा कॉलेज, कर्नूल, आंध्र प्रदेश.
*आयुर्वेद एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज (यूनानी), दिल्ली.
*औषधि (यूनानी) संकाय, जामिया हमदर्द, दिल्ली.
*यूनानी चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल, श्रीनगर, जम्मू- कश्मीर.
*कश्मीर तिब्बिया कॉलेज, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर.
*राष्ट्रीय यूनानी औषधि संस्थान, बंगलौर, कर्नाटक आदि कई कालेज हैं।
 
 
 


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Sonia Goswami

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