CET पर HC के आदेश का अध्ययन करने के बाद महाराष्ट्र सरकार कार्रवाई करेगी : शिक्षा मंत्री गायकवाड़

Tuesday, Aug 10, 2021 - 06:24 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मंगलवार को कहा कि कक्षा 11 में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) को रद्द करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन करने के बाद राज्य सरकार उचित कार्रवाई करेगी। इससे पहले आज, बंबई उच्च न्यायालय ने कक्षा 11 में दाखिले के लिए सीईटी कराने का महाराष्ट्र सरकार का आदेश रद्द कर दिया और कहा कि यह ‘‘घोर अन्याय'' का मामला है तथा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों के जीवन के लिए इससे खतरा उत्पन्न होगा।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कक्षा 11 में प्रवेश के वास्ते दसवीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए 21 अगस्त को प्रत्यक्ष रूप से सीईटी का आयोजन होना था। न्यायमूर्ति आर डी धानुका और न्यायमूर्ति आर आई चागला की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा 28 मई को जारी अधिसूचना निरस्त कर दी। इस अधिसूचना में कहा गया था कि दसवीं उत्तीर्ण करनेवाले सभी बोर्ड से संबंधित विद्यार्थियों के लिए सीईटी का आयोजन किया जाएगा, जिसके आधार पर वे कक्षा 11 में दाखिला लेने के वास्ते अपनी पसंद का कॉलेज चुन सकेंगे। गायकवाड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीईटी कराने का निर्णय छात्रों की शिक्षा को हुए नुकसान को कम करने के लिए किया गया था।

पिछले साल, छात्रों को शिक्षा का नुकसान हुआ। हम बंबई उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन करेंगे और तनदुसार कार्रवाई करेंगे।'' मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य शिक्षा विभाग के पास पहले से ही 12 लाख विद्यार्थियों से संबंधित आंकड़ा है, जो (कक्षा 11 में) प्रवेश के लिए पात्र हैं। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया केवल मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में लागू है।'' उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक शिक्षक ने कहा, ‘‘निर्णय निराशाजनक है क्योंकि अनेक स्कूलों ने छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन में बहुत अधिक अंक दिए हैं जिससे उनके कुल अंक काफी अधिक आए हैं। इससे (सीईटी को रद्द किए जाने) हो सकता है कि योग्य छात्रों को अच्छे कॉलेजों में प्रवेश का मौका न मिल पाए।''

 

rajesh kumar

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