Success Story: पिता थे सिक्योरिटी गार्ड, UPSC क्रैक कर बेटे ने पेश की मिसाल

Friday, Jan 03, 2020 - 01:55 PM (IST)

नई दिल्लीः यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। ऐसे में बहुत से आईएएस अफसर है जिनकी प्रेरक कहानियां युवाओं के लिए मिसाल कायम करती है। एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी की बात करने जा रहे है जिसने साल 2015 में यूपीएससी परीक्षा में 242 रैंक हासिल कर देश के लिए मिसाल कायम की है। यह कहानी लखनऊ से ताल्‍लुक रखने वाले कुलदीप द्विवेदी की हैं।

जाने कैसे पाया ये मुकाम

परिवारिक जीवन
कुलदीप के पिता यूनिवर्सिटी में सिक्‍योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। कुलदीप के चार भाई-बहन हैं। उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करते हैं और पांच लोगों के परिवार की परवरिश करते थे।

पिता करते थे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी
कुलदीप के पिता सिक्‍योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे जिसकी वजह से परिवार का पालन-पोषण करना आसान नहीं था। कई बार भरपेट खाना तक नहीं मिलता था इस दौरान कुलदीप के पिता को तब 11 सौ रूपये सैलरी मिलती थी। मुश्किल से परिवार का गुजारा हो पाता था। बच्चे बड़े होने लगे तो उनकी एजुकेशन की टेंशन बढ़ने लगी।

गुजारे के लिए खेतों में किया काम
कुलदीप के पिता ने बच्‍चों को पढ़ाने के लिए गार्ड की नौकरी के साथ-साथ खेतों में भी काम करना शुरू कर दिया। वे दिन- रात मेहनत करते थे इस तरह से उन्‍होंने चारों बच्‍चों की पढ़ाई-लिखाई पूरी कराई।

UPSC परीक्षा कैसे की क्रैक
-कुलदीप द्विवदी ने 2009 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। 2011 में पोस्‍टग्रेजुएट किया वे एग्‍जाम की तैयारी में जुट गए थे।
-इलाहाबाद में रहकर उन्‍होंने UPSC परीक्षा की तैयारी शरू कर दी थी। इस दौरान उनके पास मोबाइल नहीं था, वे पीसीओ से अपने घरवालों को फोन किया करते थे।
-कुलदीप ने 2015 में आईएएस का एग्जाम क्‍वालीफाई कर 242 वीं रैंक हासिल की थी। रैंक के हिसाब से उन्‍हें आईआरएस मिला। अगस्त 2016 में नागपुर में उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई, ट्रेनिंग के बाद कुलदीप की पहली पोस्टिंग असिस्टेंट कमिश्‍नर इनकम टैक्स ऑफिसर की पोस्ट पर हुई।

Riya bawa

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