LPU के वैज्ञानिक को ‘फफूंद’ पर रिसर्च के लिए मिली 48 लाख रुपए की ग्रांट

punjabkesari.in Saturday, Jul 21, 2018 - 11:41 AM (IST)

जालन्धर (दर्शन): भारत सरकार के साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड के डिपार्टमैंट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी (एस.ई. आर.बी.-डी.एस.टी.) ने लवली प्रोफैशनल यूनिवॢसटी के एक वैज्ञानिक डा. मोहम्मद अमीन उल मन्नन को फफूंद पर की जा रही उल्लेखनीय रिसर्च के लिए 48 लाख रुपए की ग्रांट प्रदान की गई है। एल.पी.यू. के वैज्ञानिक तथा उसकी टीम ने एक किफायती ‘डिप स्टिक मैथड’ की खोज की है जिससे संबंधित व्यक्ति के शरीर के अन्दर हानिकारक फफूंद की खोज की जा सके।
वास्तव में फफूंद की कई लाखों किस्में हैं जिसमें से नाममात्र (लगभग 300) ही सेहत के लिए हानिकारक हैं, क्योंकि फफूंद की बीमारियां किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए इनके बारे में मरीज व डाक्टर दोनों को जानना व समझना अत्यंत आवश्यक है। 


डा. अमीन का कहना है-‘वर्तमान में विश्व भर में 800 मिलियन लोग फफूंद की बीमारियों से प्रभावित हैं। हानिकारक फफूंद के द्वारा जीवन को नुक्सान पहुंचाने वाली बीमारियां पैदा हो सकती हैं। अंधापन, अस्थमा जैसी घातक बीमारियों सहित अन्य फफूंद संबंधित समस्याओं से घातक दर लगभग 30 से 60 प्रतिशत है। यह भी अनुमान है कि विश्वभर में 1.3 मिलियन जिंदगियां फफूंद की बीमारियों से खत्म हो गई हैं। 


असल में फफूंद से उत्पन्न बीमारियां भारत की कुल आबादी में से 25 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती हैं।  ऐसी गंभीर स्थिति में डा. अमीन व उसकी टीम ने प्रण किया है कि वे इस दर के प्रति साकारात्मक कमी लाएंगे। डा. मन्नन ने उल्लेख किया कि उनकी एक नई तकनीक द्वारा फफूंद के ऐसे माइक्रोबस को विशेष ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके लिए भारत की प्राचीन पद्धतियों का अनुकरण करते हुए वे हिमालय क्षेत्र की कुछ जड़ी-बूटियों पर विशेष कार्य कर रहे हैं ताकि समस्या से निदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक दवाईयां खोजी जा सकें।


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Sonia Goswami

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