करियर में मदद देने वाली स्किल सीखना जरूरी,मीटिंग से होने वाली समय की बर्बादी को  रोकें

Saturday, Aug 11, 2018 - 04:32 PM (IST)

नया कौशल सीखना अब करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। लेकिन ये पता कैसे किया जाए कि आपको कौन से कौशल पर फोकस करना चाहिए? शुरुआत संस्थान में सर्वोच्च कंपनियों से की गईं नई नियुक्तियों को देखकर की जानी चाहिए। देखिए कि वो कौन सी योग्यताएं हैं जिनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

-.ध्यान रखें जो सबसे आम व साधारण कौशल हैं, वही खास होते हैं। उन लोगों से संपर्क बनाएं जिनके पास ऐसे काम हैं जो किसी दिन आप करने की इच्छा रखते हैं। उनसे लगातार ये पूछते रहें कि काम में सुधार लाने के लिए आखिर वे कौन से हुनर हैं जो वे सीख रहे हैं। जैसे, अगर आप ये जानना चाहते हैं कि सेल्स में कौन से कौशल और तकनीक को अहम माना जा रहा है तो ऊंचे पदों पर बैठे सेल्स कर्मचारियों से बात करें। 
 
मीटिंग से होने वाली समय की बर्बादी को ऐसे रोकें 

- चाहे रोज हो, चाहे हफ्ते में एक बार , महीने में एक बार हो या फिर पंद्रह दिन में एक बार, संस्थान में बार-बार होने वाली मीटिंग्स केवल समय की बर्बादी होती हैं। आपको ये जानना बहुत जरूरी है कि इस वक्त मीटिंग रखना कितना जरूरी है। इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। जैसे, किसी भी मीटिंग के होने की वजह बेहद स्पष्ट होनी चाहिए।

- खुद से सवाल करें कि अगर इस मीटिंग को रद्द कर दिया जाए तो आपके अलावा और किसे फर्क पड़ेगा? मीटिंग की आवृत्ति और लंबाई की ताल का मीटिंग बुलाने की वजह के साथ मेल खाना जरूरी है। ये भी जानने की कोशिश करें कि इस मीटिंग में आखिर कितने लोग बैठने वाले हैं। मीटिंग में केवल वही लोग होने चाहिए जिनके पास देने के लिए वाकई कुछ हो। उन मीटिंग्स को करने से हमेशा बचना चाहिए जिनकी बिल्कुल जरूरत महसूस नहीं हो रही है। 

सहकर्मी के भावनात्मक द्वंद्व में साथ खड़े रहें 

 कई बार सहकर्मी अपनी भावनाओं को थाम नहीं पाते हैं और अचानक गंभीर प्रतिक्रिया दे देते हैं। इसकी वजह कोई प्रोजेक्ट हो सकता है, नकारात्मक फीडबैक हो सकता है या लंबी चली आ रही कोई लड़ाई भी हो सकती है। शुरुआत में आपको लगेगा कि इस सबसे दूर रहना ही अच्छा है वरना चीजें बिगड़ सकती हैं। लेकिन बेहतर ये होगा कि आप अपने साथी के लिए वहां खड़े रहें। उन्हें अपने साथ एक शांत कमरे में लेकर जाएं और उनकी बात सुनने की कोशिश करें। हमदर्दी जताएं और उनकी भावनाओं को मान्यता दें। ऐसे सवाल करें जिससे उनकी भावनाएं बाहर निकलें। उन्हें उनकी गलती समझाने की भी पूरी कोशिश करें। ऐसे विकल्प बताएं जिन्हें सुनकर वे कोई निष्कर्ष निकाल सकें। अपने साथी को ठंडे दिमाग से विचार करने और धैर्य रखने की सलाह दें। सुनिश्चित करें कि उनका अगला कदम कारगर ही होगा।  

Sonia Goswami

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