उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में 100 सीटर बालक छात्रावास का लोकार्पण किया।

Tuesday, Jul 17, 2018 - 08:53 AM (IST)

भोपालः प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि सभ्यता जमाने के साथ बदलती हैं, संस्कृति नहीं। गुरुकुल की परंपरा हिन्दुस्तान में पहले से है। आज उनका स्थान छात्रावासों ने ले लिया है।  श्री पवैया उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में 100 सीटर बालक छात्रावास का लोकार्पण कर रहे थे। 

 

उन्होंने कहा कि छात्रावासों के अनुशासनात्मक जीवन से आनन्द की अनुभूति होती है। उन्होंने अकादमिक भवन में 56 कम्प्यूटर से लेस सेन्ट्रल लैब का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में रहकर रोजमर्रा के कार्य निश्चित मापदंड पर करने से जीवन संतुलित होता है। साथ ही, सामाजिक सरोकार से जुडऩे का मौका भी मिलता है। आज के समय आदमी एकाकी जीवन जीता है और छात्रावास साथ जीने की कला सिखाते हैं। 

 

उन्होंने जोर देते कहा कि विद्यार्थी सोशल साइट का ध्यान रखें, वे लोगों को अनसोशल बना रही हैं। शिक्षा साक्षर बनाती है, वहीं विद्या मनुष्य को ज्ञान, संस्कार और कौशल प्रदान करती है। विद्या से मानव सम्पूर्ण मनुष्य बनता है।  उन्होंने प्रोफेसरों से भी कहा कि निर्धारित समय में ही कत्र्तव्य-पालन कर बेहतर परिणाम दें। सरकार साधन दे सकती है, निष्ठा नहीं। राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार किये हैं। तीन हजार सह-प्रध्यापक की भर्ती की जा रही है। पाठ्यक्रमों में सेमस्टर पद्धति खत्म की गई है।  विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि संस्थान ने अच्छे विद्यार्थी तैयार किये है, जो विभिन्न क्षेत्र में जाकर कॉलेज को उत्कृष्टता की श्रेणी दिलाते हैं। उन्होंने संस्थान के कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाने पर बल दिया।  

Sonia Goswami

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