जानें कौन है बिश्नोई समाज जिसने सलमान को भेजा जेल

Friday, Apr 06, 2018 - 11:41 AM (IST)

नई दिल्ली:  काला हिरण मामले में जोधपुर के एक कोर्ट ने सलमान खान को दोषी करार दिया है। अदालत ने जमानत का फैसला कल पर छोड़ दिया गया है। इस मामले में सलमान के अलावा बाकि स्टार एक्टर सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे भी आरोपी थे लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सलमान खान को सजा दिलाने में बिश्नोई समुदाय ने अहम भूमिका निभाई है।

आखिक कौन है बिश्नोई समुदाय
बिश्नोई समुदाय राजस्थान के मारवाड़ में है। बिश्नोई समुदाय दरअसल 29 नियमों का पालन करता है। 29 नियमों का पालन करने के कारण ही बिश्नोई शब्द 20 (बीस) और 9 (नौ) से मिलकर बना है। 1485 में गुरु जम्भेश्वर भगवान ने इसकी स्थापना की थी। वन्यजीवों को यह समाज अपने परिवार जैसा मानता है और पर्यावरण संरक्षण में इस समुदाय ने बड़ा योगदान दिया है। इस संप्रदाय के लोग जात-पात में विश्वास नहीं करते हैं। इतना ही नहीं बिश्नोई समाज की महिलाएं तो हिरण के बच्चों को अपना बच्चा मानती हैं। यहां तक कि महिलाएं अपना दूध तक हिरण के बच्चों को पिलाती हैं। 

यहां के पुरुषों को जंगल के आसपास कोई लावारिस हिरण का बच्चा या हिरण दिखता है तो वह उसे घर पर लेकर आते हैं, बच्चों की तरह उनकी सेवा करते हैं। कहा जाता है कि पिछले 500 सालों से यह समुदाय इस परंपरा को निभाता आ रहा है।

 

इस समाज के पर्यावरण प्रेम को इस उदाहरण से समझा जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1736 में जोधपुर जिले के खेजड़ली गांव में बिश्नोई समाज के 300 से ज्यादा लोगों ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। बताया जाता है कि राज दरबार के लोग इस गांव के पेड़ों को काटने पहुंचे थे, लेकिन इस समुदाय के लोग पेड़ों से चिपक गए और विरोध करने लगे। इस समाज में उन 300 से ज्यादा लोगों को शहीद का दर्जा दिया गया है। इस आंदोलन की नायक रहीं अमृता देवी जिनके नाम पर आज भी राज्य सरकार कई पुरस्कार देती है।

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