जानिए क्या है कमांडो 'सी-60' फोर्स, कैसे करती है काम

punjabkesari.in Wednesday, May 01, 2019 - 04:28 PM (IST)

नई दिल्ली: एक मई को सिर्फ मजदूर दिवस या मई दिवस ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है। महाराष्ट्र दिवस को भारत में महाराष्ट्र स्थापना दिवस भी कहा जाता है। आज के ही दिन भारत के इस राज्य 'महाराष्ट्र' की स्थापना हुई थी। बता दें कि नक्सली खतरों के बढ़ने के कारण साल 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस के 60 जवान शामिल होते हैं। यह फाॅर्स लंबे समय तक बगैर खाना और पानी के रह सकते हैं। लेकिन फिर भी आमतौर पर ये अपने साथ खाना पानी लेकर चलते हैं। हर जवान 15 किलो का भार लेकर चलता है, जिसमें खाना, पानी, फर्स्ट ऐड और बाकी सामान शामिल होता है।

क्या है ये कमांडो 'सी-60' फोर्स?
कमांडो 'सी-60' फोर्स एक खास तरह की फोर्स है जिसे जंगल युद्ध के लिए ही प्रशिक्षित किया गया है। ये इतने जबरदस्त कमांडो होते हैं कि नक्सली भी इनसे डरते हैं। पिछले साल इन्हीं दिनों इस फोर्स की काफी चर्चा थी। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है। इस फोर्स को महाराष्ट्र की उत्कृष्ट फोर्स माना जाता है। सी-60 के जवान अपने साथ करीब 15 किलो का भार लेकर चलते हैं, जिसमें हथियार के अलावा, खाना, पानी, फर्स्ट ऐड और बाकी सामान शामिल होता है। यह इकलौती ऐसी फोर्स है जो जिला स्तर पर तैयार की गई है। इसके लिए वहीं की जनजातीय आबादी से लोगों को लिया जाता है। सी-60 की शुरुआत 15 टीमों के साथ हुई थी जो अब बढ़कर 24 से पार चली गई हैं।

क्यों हैं चर्चा में
महाराष्ट्र दिवस के मौके पर पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बड़ा नक्सली हमला हुआ है। इस हमले में सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाया गया था, जिसमें करीब 28 लोग सवार थे। इनमें से 15 के शहीद होने की जानकारी मिल रही है। पिछले साल इन्हीं दिनों इस फोर्स की काफी चर्चा थी, तब सी-60 कमांडोज ने गढ़चिरौली में बड़े ऑपरेशन को अंजाम देकर 39 नक्सलियों को मार गिराया गया था।

कैसे होता है टेस्ट
इस फाॅर्स में शामिल में होने के लिए कई टेस्ट देने पड़ते है जैसे मानसिक और शारीरिक बल आदि देखा जाता है। यह इकलौती ऐसी फोर्स बताई जाती है जिसमें टीम को उसके कमांडर के नाम से जाना जाता है।

कैसे होते हैं हथियार
इस फोर्स के कमांडो के हथियार भी बाकी पुलिस फ़ोर्स से अलग होते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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