नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन में रखें इन बातों का ध्यान, करियर में होगें सफल

punjabkesari.in Friday, Apr 20, 2018 - 12:19 PM (IST)

नई दिल्ली : किसी भी बातचीत्त को सफल बनाने के लिए कम्यूनिकेशन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप किसी बात को अच्छे से कम्युनिकेट कर पाते है वह सुनने वाले और बोलने वाले दोनों पर काफी प्रभाव पड़ता है। यदि आपकी कम्यूनिकेशन स्किल अच्छी है तो ही आप दूसरों को प्रभावित कर सकते है और करियर में आगे बढ़ने सकते है। अॉफिस में काम करने और तरक्की पाने के लिए क्म्यूनिकेशन को वर्किंग कल्चर का एक अहम हिस्सा माना जाता है। इसलिए यह सही है कि कम्यूनिकेशन के ज्यादातर मामलों में वर्कप्लेस पर नॉन वर्बल टेक्निक का ही इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते है कुछ एेसी बातों के बारे में जिन्हें अपना कर आप अपनी नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन स्किलस को अपना सकते है 

संकेत पढ़ना सीखें
 कई बार एेसा होता है कि आप प्रशिक्षण शुरू होने से पहले आप नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन में परफेक्ट होते है, लेकिन सामाजिक परिस्थितियों में यह बात आपके मन में घर कर सकती हैं कि कौन आपकों पसंद करता है और कौन नहीं। वर्कप्लेस का माहौल सही है या नहीं। एक स्पर्श जो आपकी ओर से किया गया, वह सही था या नहीं। नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन समझने के लिए यह जरूरी है कि आप संदर्भ को अच्छे से समझ लें। आपका एक सहयोगी आपकी पीठ पर एक थपकी देता है, तो आप उनकी इस हरकत को चेतावनी या बधाई के रूप में ले सकते हैं। यह आप दोनों के संबंधों, उस समय के हालात पर निर्भर कर सकता है। दूसरा कई बार ऐसा भी हो सकता है कि 30 मिनट के आपसी बातचीत में आप नान वर्बल कम्यूनिकेशन में नान वर्बेबल मैसेज भी सकते हैं।

कम्यूनिकेशन करें शार्प
वर्कप्लेस पर काम करने के दौरान ऐसे स्पेस की जरूरत होती है, जहां पर आप अपने कम्यूनिकेशन को और शार्प करते हुए खुले मन से अपने विचारों को रख सकते हैं। यहां पर आपको अपनी काल्पनिक बातों को हकीकत में रखने की आजादी होती है। लेकिन जब आप किसी की कल्पना में कदम रखते हैं, तो इससे यह संकेत जाता है कि या तो आप अंतरंगता के कारण ऐसा कर रहे हैं या फिर आक्रामकता इसकी वजह है। ऐसे में सामने वाला व्यक्ति कदम पीछे खींचकर, रास्ता बदलकर या आक्रामक रूख अख्तियार करके संकेत के तौर पर अपने मन की बात आपसे कर सकता है।

वर्कप्लेस पर तैयार करें पॉजिटिव माहौल
आपका काम और कैबिन आपके कंट्रोल में होता है। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इसका उपयोग कैसे करने जा रहे हैं। आप कैसे दूसरों तक पॉजिटिव संकेत भेज रहे हैं। क्या आप ऐसा बनना चाहते हैं कि आपके प्रवेश लेते ही लोग डर जाएं। ऐसे में आपको तय करना है कि वर्क प्लेस पर लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं। टीम लीडर्स अपने कम्यूनिकेशन, लोकेशन और मीटिंग की टाइमिंग से कम्यूनिकेशन को बेहतर रूप दे सकते हैं।

इंडीकेटर को समझें
आपको ऑफिस में अकेले एक जोर से की हुई आवाज सुनाई देती है, तो यह असुरक्षा का संकेत हो सकती है। वहीं आराम से निकाली गई आवाज अच्छी मुद्रा का संकेत देती है। जब टीम लीडर आराम से बात करता है, तो यह मैसेज जाता है कि टीम के ऊपर उसे जबरदस्त कॉन्फिडेंस है। अगर आपके साथी की आवाज धीमी हैं, तो समझ लें कि वह आपको बधाई देना चाहता है, लेकिन वह आपसे आंखें नहीं मिला रहा है और वह आपसे हाथ भी नहीं मिलाता है, तो समझ लें कि उसे आपसे ईष्या है या नाराजगी है।

जान लें बॉडी लैंग्वेज
बॉडी लैंग्वेज के अंदर चेहरे, आंखें, हाथ, आपके बैठने के तरीके और स्पर्श को शामिल किया जाता है। हम आमतौर पर सात बुनियादी भावनाओं क्रोध, भय, घृणा, अवमानना, खुशी, उदासी और आश्चर्य को समझने के लिए चेहरों और आंखों का सहारा लेते हैं। अधिकांश लोग बात करते समय बॉडी लैंग्वेज कैसी हो, इसकी ट्रेनिंग लेते हैं। कभी-कभी आपकी आंखें और होठ आपके भीतर की भावना को आसानी से प्रकट कर देती हैं। इसके अलावा वर्कप्लेस पर आपके चेहरे के भाव का इस्तेमाल आप अपने क्लाइंट या अपने टीम से बात करने के लिए करते हैं। फेस टू फेस कम्यूनिकेशन के दौरान आपका चेहरा सारी स्थितियों को साफ-साफ बयां कर देता है। चेहरे की एक स्माइल और आई कॉन्टेक्स नए लोगों पर प्रभाव डालने में काफी कारगर साबित होते हैं। 


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