99.99 पर्सेंटाइल के साथ कल्पना कुमारी बनी NEET टॉपर
punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 05:37 PM (IST)
नई दिल्ली : देशभर के मेडिकल कॉलजों में दाखिले के लिए ली गई नीट परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। सीबीएसई की ओर से जारी किए गए नतीजों में 99.99 पर्सेंटाइल के साथ कल्पना कुमारी ने देशभर में टॉप किया है । उन्होंने फिजिक्स में 180 में से 171, कैमिस्ट्री में 180 में से 160 और बायोलाजी में 360 में से 360 प्राप्त किए हैं। कुल मिलाकर उसका स्कोर 720 में से 691 है। सीबीएसई ने इस साल 6 मई 2018 को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का आयोजन किया था। तेलंगाना के रोहित पुरोहित और दिल्ली के हिमांशु शर्मा 690 अंक लाकर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
इस साल ये है कट-ऑफ
अनारक्षित: 50 पर्सेंटाइल (691-119)- 634,987 उम्मीदवार
ओबीसी: 40 पर्सेंटाइल (118-96)- 54653 उम्मीदवार
एससी: 40 पर्सेंटाइल (118 -96)- 17209 उम्मीदवार
एसटी: 40 पर्सेंटाइल (118-96)- 7446 उम्मीदवार
अनारक्षित (PH): 45 पर्सेंटाइल (118-107)- 205 उम्मीदवार
ओबीसी (PH): 40 पर्सेंटाइल (106-96)- 104 उम्मीदवार
एससी (PH): 40 पर्सेंटाइल (106-96)- 36 उम्मीदवार
एसटी (PH): 40 पर्सेंटाइल (106-96) - 12 उम्मीदवार
पिछले साल का कट-ऑफ
गौरतलब है कि, प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर CBSE रैंक देगा। 2017 में अनारक्षित श्रेणी के लिए क्वालिफाइंग पर्सेंटेज 50 प्रतिशत था और क्वालिफाइंग स्कोर 720 में 131 था। OBC/ SC/ ST श्रेणी के लिए यह स्कोर 107 था और क्वालिफाइंग पर्सेंटेज 40 प्रतिशत था। शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों के लिए स्कोर 118 था।
पिछले साल इंदौर के दो छात्रों ने बनाई थी टॉप टेन में जगह
नीट में पहली बार इंदौर के दो छात्रों ने ऑल इंडिया टॉप टेन रैंकिंग में जगह बनाई थी। कुल 720 में से 695 अंक हासिल कर अर्चित गुप्ता और मनीष मूलचंदानी ने क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया था। वहीं, पंजाब के नवदीप सिंह ने 697 अंक हासिल कर टॉप किया था। अर्चित और मनीष ने एम्स की एंट्रेस एग्ज़ाम में भी ऑल इंडिया टॉप टेन में जगह बनाई थी। इससे पहले 2008 में सागर रक्षित ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया था।
NEET एग्जाम से जुड़ी 3 बड़ी बातें
साल 2016 से पहले तक मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (AIPMT) कहा जाता था। जिसमें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की 15% एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों को भरा जाता था, जबकि बाकी की 85% सीटें स्टेट गवर्नमेंट अपने एंट्रेंस एग्जाम के जरिए भरती थी। इसके साथ ही प्राइवेट कॉलेज भी अलग से एंट्रेंस टेस्ट लेते थे।
इतने सारे एग्जाम्स की जगह 2017 में NEET का कॉन्सेप्ट आया और इसी साल पहली बार देशभर में ये एग्जाम हुआ। इस एग्जाम के जरिए ही स्टूडेंट्स को प्राइवेट और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है।
NEET एग्जाम के जरिए AIIMS, JIPMER और AFMC को छोड़कर बाकी सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है।