विदेशी छात्रों को लुभाने में नाकाम रहा एम.एस. विश्वविद्यालय

Saturday, Jun 30, 2018 - 12:10 PM (IST)

वडोदरा: विदेशी छात्रों को आकर्षित करने में एम.एस. विश्वविद्यालय अपनी साख खोने लगा है।  विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है। सूत्रों अनुसार इस वर्ष केवल 15 विदेशी छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया गया है जिनके आवेदन इंडियन कौंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (ICCR) के माध्यम से जमा करवाए गए हैं।

 

गुजरात के एकमात्र अंग्रेजी माध्यम विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के निराशाजनक नामांकन को देखा जा रहा है जबकि गुजरात विश्वविद्यालय ने 50 से अधिक छात्रों और गुजरात टेक्नोलॉजील यूनिवर्सिटी (जीटीयू) 60 अन्य लोगों को आईसीसीआर के अनुरोधों के आधार पर भर्ती कराया है। आईसीसीआर क्षेत्रीय कार्यालय के सूत्रों अनुसार वर्तमान में राज्य भर में शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे 50 देशों के 800 विदेशी छात्र मौजूद हैं लेकिन विदेशी छात्रों की बात आने पर एमएसयू का हिस्सा गिरावट पर है। 2017-18 में, विश्वविद्यालय ने केवल 12 विदेशी छात्रों को भर्ती कराया था, जबकि गुजरात विश्वविद्यालय ने 49 छात्रों और जीटीयू को अन्य देशों के 94 छात्रों को प्रवेश दिया था।


अधिकारियों काकहना है कि आईसीसीआर के माध्यम से प्रवेश की गई भर्ती के अलावा इस साल करीब 200 विदेशी छात्रों ने गुजरात में विभिन्न आत्म-वित्त पोषित पाठ्यक्रमों में प्रवेश मांगा था लेकिन एमएसयू में विदेशी छात्रों की कोई भीड़ नहीं देखी गई ।


विश्वविद्यालय ने अब तक बांग्लादेश, मॉरीशस, कंबोडिया, तंजानिया, थाईलैंड, युगांडा और दक्षिण कोरिया के छात्रों के लिए प्रवेश किया है। छात्रों को कला संकाय, ललित कला संकाय और प्रदर्शन कला संकाय में भर्ती कराया गया है। अब तथ्य यह है कि विश्वविद्यालय ने छात्रों की विविधता को याद करना शुरू कर दिया है, जो अतीत में देखा जाता था ।

 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा किए गए देश के विश्वविद्यालयों की समग्र रैंकिंग में अपने खराब प्रदर्शन के कारणों का अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त समिति ने भी इसकी रिपोर्ट में यही बताया था। समिति की रिपोर्ट ने इंगित किया था कि गुजरात के बाहर से 5% से कम छात्र हैं जबकि परिसर में विदेशी छात्रों की संख्या एमएसयू में लगभग शून्य है।

Sonia Goswami

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