86 फीसद छात्रों को उपस्थिति में लापरवाही पर जेएनयू ने भेजा लेटर

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 10:24 AM (IST)


नई दिल्ली : नए उपस्थिति नियमों में लापरवाही बरतने के कारण जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 7,000 छात्रों के माता-पिता को चेतावनी पत्र भेजे हैं। छात्र संख्या को देखते हुए 7,000 छात्र जेएनयू के कुल छात्र संख्या के लगभग 86 फीसदी हैं। सूत्रों के मुताबिक कम से कम 3 पीएचडी -एमफिल छात्र, स्कूल ऑफ आट्र्स और एस्थेटिक्स के सभी छात्रों के माता-पिता को 16 अप्रैल को ही एसएमएस भेज दिए गए थे। जिनमें कहा गया कि उनके बच्चे शीत सत्र सेमेस्टर 2018 से लेकर फरवरी 2018 तक बिना किसी सूचना के पूरे दिन अनुपस्थित रहे हैं। 

आपके बच्चों के भविष्य को देखते हुए विवि आपसे रिक्वेस्ट कर रहा है कि बच्चों को विश्वविद्यालय के उपस्थिति नियमों का पालन करने के लिए समझाएं। 
छात्रों ने विश्वविद्यालय के इस फैसले पर कहा कि क्या विश्वविद्यालय उन्हें बालिग नहीं मानता जबकि सभी 25 साल से अधिक उम्र के हैं। छात्रों का कहना है कि 25 से 29 साल तक के छात्र शोध कर रहे हैं उनके मां-बाप को इस मामले में क्यों शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने इस आकलन पर कहा कि उन्होंने हर उस छात्र के परिवार को इस बारे में सूचना दी है जो विश्वविद्यालय के उपस्थिति नियमों की अवहेलना कर जरूरी 75 अटेंडेंस नियम के दायरे में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें लगभग 7,000 बच्चोंं के मां-बाप को ये सूचना भेजनी थी वह अभी ये नहीं बता सकते कि कितने पैरेंट्स को लेटर मिल चुके हैं। जेएनयू में कुल 8,100 छात्र अध्यापन कर रहे हैं। जेएनयू प्रोफेसर पूनम कुदेसिया ने कहा कि इस मामले में आधिकारिक सूचना उन्हें नहीं मिली है। दिल्ली में 75 फीसदी उपस्थिति का मसला सिर्फ जेएनयू भर का नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय, अम्बेडकर विश्वविद्यालय आदि इस नियम को फॉलो कर रहे हैं।


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