हिंदी भाषा को लेकर JNU में उठा विवाद, जानिए क्या है पूरा मामला

Tuesday, Jun 25, 2019 - 04:45 PM (IST)

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्व‍विद्यालय में 28 जून को एकेडमिक काउंसिल की 151वीं बैठक होने जा रही है। बता दें कि इस बैठक में विशेष हिंदी भाषा को लेकर विचारविर्मश होने वाला है। जेएनयू स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि बैठक में हिंदी को लेकर जो फैसला होने जा रहा है, वह स्टूडेंट के हित में नहीं है। 

ये है पूरा मामला
-जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी का कहना है कि जेएनयू प्रशासन 28 जून को होने जा रही एकेडमिक काउंसिल की बैठक में स्नातक स्तर के प्रोग्राम में हिंदी को अनिवार्य करने जा रही है। 

-उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पीछे जेएनयू प्रशासन सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक का छिपा हुआ एजेंडा हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान लागू करना चाहती है। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा 2018 में सभी विश्वविद्यालयों को जारी एक आधिकारिक पत्र का हवाला दिया है, जिसमें हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में उल्लिखित किया गया है। इसके अलावा हिंदी को सभी स्नातक स्तर के कार्यक्रमों में अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप में लागू करने के निर्देश दिए हैं। 

-स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि भारत में कोई एक राष्ट्रीय भाषा नहीं है। देश के संविधान की आठवीं अनुसूची देश की विविध और बहुआयामी प्रकृति के अनुसार 22 आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध करती है। बालाजी ने जेएनयू कुलपति पर जबरन हिंदी भाषा को थोपने की योजना बनाने का आरोप लगाया है। 

Riya bawa

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