इतिहासकार रोमिला थापर से जेएनयू प्रशासन ने मांगा CV, जाने पूरा मामला
Monday, Sep 02, 2019 - 12:11 PM (IST)
नई दिल्ली: अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त इतिहासकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित प्रो. रोमिला थापर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने नया सीवी जमा करने को कहा है। ताकि यह विचार किया जा सके कि क्या वह जेएनयू में प्रोफेसर ऑफ एमेरिटस के पद पर आगे भी रहेंगी या नहीं। बता दें जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने बीते माह रोमिला थापर को पत्र लिखकर उनसे सीवी जमा करने को कहा था। जिसमें लिखा था कि जेएनयू विश्वविद्यालय एक समिति का गठन करेगी जो थापर के कामों का आकलन करेगी।
जेएनयू द्वारा भेजे गए पत्र की रविवार को चौतरफा आलोचना हुई। जेएनयू शिक्षक संघ ने जेएनयू प्रशासन की इस प्रकरण के लिए आलोचना की। जिसके बाद खुद जेएनयू प्रशासन को मामले में स्पष्टीकरण देने आना पड़ा। खुद के साथ हुए वाकये पर रोमिला थापर ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हम एक अजीब समय से गुजर रहे हैं। एमेरिटस विश्वविद्यालय की सद्भावना से जुड़ा सम्मान है।
शिक्षक संघ ने की आलोचना
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जनुटा) ने जेएनयू प्रशासन द्वारा इतिहासकार रोमिला थापर से एमेरिटस प्रोफेसर के पद पर बने रहने के लिए अपना सीवी (करिकुलम वाइटी) भेजने का निर्देश देने के निर्णय की आलोचना की। साथ ही जनुटा की मांग है इसके लिए जेेएनयू रजिस्ट्रार को माफी मांगनी चाहिए।
जनुटा ने रविवार को बताया कि 1993 में प्रो. रोमिला थापर जेएनयू से रिटायर हुई थी तब के प्रशासन ने उन्हें तब एमेरिटस प्रोफेसर बनाया था। लेकिन 23 अगस्त को जेएनयू रजिस्ट्रार ने रोमिला थापर को पत्र लिखकर कहा कि अगर वह एमेरिटस प्रोफेसर के पद पर रहना चाहती हैं तो उन्हें अपना नया सीवी जेएनयू प्रशासन को भेजना होगा जिसके बाद जेएनयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल उनके पद पर आगे बने रहने पर विचार करेगी।