जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों ने रोकी बीमार प्रोफेसर की एम्बुलेंस

punjabkesari.in Tuesday, Oct 29, 2019 - 10:18 AM (IST)

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार को कन्वेंशन सेंटर में इंटर छात्रावास की एक बैठक चल रही थी तभी कुछ छात्रों ने जोकि इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) के सदस्य नहीं थे जबरन बैठक स्थल पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद अधिकारियों ने कहा कि वह बैठक से चले जाएं अन्यथा उनपर कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद वे और उग्र हो गए और नारेबाजी करने लगे।
 
घटना के बारे में विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रमोद कुमार ने बताया कि समिति के सदस्यों ने आंदोलनकारी छात्रों से बाहर जाने का अनुरोध तक किया लेकिन वे नहीं माने और डरावने ढंग से कार्यक्रम स्थल में घुस आए। जहां डीन ऑफ स्टूडेंट उमेश कदम के करीब जाकर तेज आवाजों में नारेबाजी करने लगे। इस माहौल में घिर चुके कदम हाई ब्लड प्रेशर के कारण अचानक बेहोश हो गए। जिसके बाद जब एम्बुलेंस उन्हें लेने गई तो प्रदर्शनकारी छात्रों ने असंवेदनशीलता और अमानवीयता का परिचय देते हुए एम्बुलेंस को रोक लिया।

उन्होंने एम्बुलेंस को प्रो. कदम को लेकर अस्पताल जाने नहीं दिया। इतना ही नहीं विवि. परिसर के डॉक्टरों को भी छात्रों ने कदम को चेक करने नहीं दिया। जिसके बाद जेएनयू वाइस चांसलर एम जगदेश कुमार ने इस घटना की निंदा करते हुए ट्विटर पर लिखा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जेएनयू के कुछ छात्रों के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई पर विचार कर रहा है, जिनका आचरण आज न केवल असहनीय, बल्कि खतरनाक और शर्मनाक है। जेएनयू के एक वर्ग का इस तरह व्यवहार करना बेहद निंदनीय और अपमानजनक हैं। 

कुलसचिव प्रमोद कुमार ने बताया कि जब डीन ऑफ स्टूडेंट की हालत ज्यादा खराब होने पर उनकी पत्नी और दो बच्चों ने छात्रों से राहत की मांग की तब कहीं जाकर छात्रों ने एम्बुलेंस को स्थानांतरित होने दिया। लेकिन एक छात्र वर्ग ने फिर से एम्बूलेंस घेर ली और अस्पताल की ओर वाहन न जाने पाए उसे सड़क पर ही रोक कर रखा। जिसके बाद डॉक्टरों ने मजबूरन सुझाव दिया कि बाहरी अस्पताल में नहीं पहुंच पाने पर इन्हें यूनिवॢसटी हेल्थ सेंटर में ही एडमिट किया जाए। जेएनयू एसयू के छात्रों ने कहा कि हमने आईएचए मीटिंग में संघ को रिप्रजेंटेशन का मौका न मिलने का विरोध किया है। हेल्थ सेंटर को इसलिए घेरा गया ताकि अवैध बेरहम आईएचए ड्रॉफ्ट को वापस लेने को जेएनयू एसयू द्वारा लिखा गया ज्ञापन उमेश कदम को सौंपना था। जिसमें हॉस्टल फीस और आने जाने के समय में कफ्र्यू जैसे हालात को लेकर लिखा गया है।


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Riya bawa

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