जादवपुर यूनिवर्सिटी में अंकों के आधार पर मिलेगा दाखिला

Friday, Jul 06, 2018 - 02:04 PM (IST)

कोलकाता : जादवपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन व शिक्षकों के बीच एडमिशन टेस्ट की नई प्रक्रिया को लेकर काफी दिनों तक मतभेद चलता रहा। बुधवार को एक्जीक्यूटिव काऊंसिल की बैठक के बाद दाखिला प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। 
 
अब निर्णय लिया गया है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में 6 ह्यूमनिटीज विषयों के लिए 11 जुलाई को होने वाली प्रवेश परीक्षा इस साल नहीं होगी। छात्रों के उच्च माध्यमिक अथवा 10+2 के उच्चतम अंकों के आधार पर ही दाखिला दिया जाएगा। जेयू के रजिस्ट्रार चिरंजीव भट्टाचार्य ने एक प्रैस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रवेश समिति की बैठक में इस साल दाखिला परीक्षा नहीं कराने का फैसला लिया गया।


 
अंग्रेजी, तुलनात्मक साहित्य, राजनीति विज्ञान, दर्शन शास्त्र, इतिहास व बांग्ला विषय को लेकर स्नातक में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। अगले साल प्रवेश परीक्षा कैसे होगी, इसका निर्णय बाद में लिया जाएगा। 
 
हालांकि इन विषयों में प्रवेश परीक्षा लेने के लिए यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने लिखित आवेदन भी किया था, इसके बावजूद अब परीक्षा को फिलहाल रद्द कर दिया गया है। मंगलवार को इसी को लेकर एडमिशन कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में कोई खास नतीजा नहीं निकला। 

 
उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुछ दिन पहले कहा था कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में दाखिला छात्रों के 12वीं के अंकों के आधार पर होना चाहिए, किसी एडमिशन टेस्ट की जरूरत नहीं है। इसी घोषणा व सरकार के दबाव के कारण ऐसा फैसला लिया गया है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले से शिक्षा जगत में नाराजगी है। 
 
कई शिक्षकों का कहना है कि इस तरह का फैसला यह सिद्ध करता है कि अब एकेडमिक स्वायत्ता व स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा रहा है। वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जूटा) ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। 
 
इस विषय में संगठन के सहायक सचिव पार्थ राय का कहना है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में आर्ट्स के लिए प्रवेश परीक्षा हेतु विज्ञापन भी जारी किया गया था। हमेशा से यह परीक्षा होती आयी है। अब इस साल इसको रद्द कर दिया गया है, इससे हम सहमत नहीं हैं। गुरुवार को संगठन की ओर से एक बैठक बुलाई गई है।
 
 
 

Sonia Goswami

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