बौद्धिक संपदा के बिना संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल संभव नहीं

Thursday, Oct 04, 2018 - 04:30 PM (IST)

डालटनगंजः झारखंड की राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि प्राकृतिक खनिज संसाधनों का कुशलतापूर्वक समुचित इस्तेमाल बिना बौद्धिक संपदा के संभव नहीं है।  श्रीमती मुर्मू ने यहां नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक खनिज संसाधनों से समृद्ध झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना इनका कुशलतापूर्वक समुचित उपयोग नहीं किया जा सकता। 

 

इस परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और सूचना तकनीक के विभिन्न आयामों के जरिए ही विकास की गति और तीव्र की जा सकती है। इस राज्य की जीवन्त कला-संस्कृति की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विषिष्ट पहचान है।   

 

कुलाधिपति ने कहा, हमारा प्रयास है कि राज्य के अधिक से अधिक युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करें, चाहे वो किसी वर्ग के हों। लड़कियों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित करने की दिशा में और विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए आवश्यकता के अनुसार नए शिक्षण संस्थान भी स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञान-अर्जन में जाति, लिंग और वर्ग कभी बाधक न बने। शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है तथा सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से अन्त हो सकता है।  

Sonia Goswami

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