रैगिंग रोकने के लिए यूजीसी ने जारी किए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को निर्देश

Tuesday, Nov 21, 2017 - 01:19 PM (IST)

नई दिल्ली : कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रैगिंग को रोकने के लिए यूजीसी की ओर से कई सारे कदम उठाए जा रहे है। इसी दिशा में एक और पहल करते हुए कई सारे निर्देश जारी किए गए है। विश्वविद्यालयों  और कॉलेजों को जारी गए इन निर्देशों में कहा गया है कि नए सत्र से परिसर के हर कोने में सीसीटीवी लगाने होगें।यूजीसी ने कहा कि कॉलेजों को सत्र शुरू होते ही फ्रेशर और सीनियर छात्रों के बीच ओरिएंटेंशन प्रोग्राम कराने होंगे। साथ ही छात्रों के लिए मनोवैज्ञानिक सपोर्ट और काउंसिलिंग की व्यवस्था भी करनी होगी। उच्च शिक्षण और तकनीकी संस्थानों को ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिसमें छात्र लोकतांत्रिक मूल्यों को सीखते हुए एक-दूसरे के अन्तर्विरोधों का भी सम्मान करें।

किसी भी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा
यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शैक्षिक संस्थानों में रैगिंग का मनोवैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की थी। अब इस समिति के रिपोर्ट को यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से लागू करने को कहा है। निर्देशों के अनुसार सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों को सत्र की शुरुआत में ही छात्रों को रैगिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी होगी। छात्रों को समझाया जाएगा कि धर्म, जाति के नाम पर किसी भी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा। यूजीसी ने कैंपस के सभी कोनों को सीसीटीवी से कवर करने को भी कहा है ताकि छात्रों के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। साथ ही विश्वविद्यालयों को रैगिंग पीड़ित छात्रों को मनोवैज्ञानिक सपोर्ट और काउंसिलिंग भी उपलब्ध करानी होगी। 

लागू करनी होगी सिफारिशें
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से समिति की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने को कहा है। चूंकि नया सत्र आठ महीने बाद शुरू होगा, ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों को अभी से इसकी तैयारी करनी होगी। पिछले वर्षों के मुकाबले यूजीसी विश्वविद्यालयों को रैगिंग फ्री कैंपस बनाने को जुटी हुई है।

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