इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस बनने की रेस में शामिल है देश के ये प्रमुख शिक्षण संस्थान

Thursday, Dec 14, 2017 - 03:03 PM (IST)

नई दिल्ली : इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस  बनने की रेस में लिए देश के लगभग सभी सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान शामिल हो गए हैं। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 100 निजी और सरकारी संस्थानों ने इसके लिए आवेदन भेजे थे, जिसमें से सिर्फ 20 संस्थानों का चयन किया जाएगा। इनमें सभी पुराने आईआईटी, आईआईएम, जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी आदि के साथ केंद्रीय और राज्य सरकारों के प्रमुख विश्वविद्यालय शामिल हैं।

67 सरकारी व 33 प्राइवेट संस्थानों ने किया आवेदन
इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ टैग के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के तहत कुल 67 सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों ने आवेदन किया है। इनमें 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी, 25 स्टेट यूनिवर्सिटी, छह डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, 20 इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस (राष्ट्रीय महत्व के संस्थान) और छह स्टैंडअलोन (स्वतंत्र) संस्थानों ने आवेदन किया है। वहीं निजी क्षेत्र के तहत कुल 33 प्राइवेट संस्थानों ने इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस बनने के लिए आवेदन किया है। इनमें 9 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 16 डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी ने ब्राउनफील्ड कैटेगरी में आवेदन किया है। वहीं 8 संस्थानों ने ग्रीनफील्ड कैटेगरी में आवेदन किया है। 


चुने गए संस्थान को मिलेगा 1000 करोड़
सरकार ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का टैग हासिल करने वाले 20 संस्थानों को पूरी स्वायत्तता देगी। 20 संस्थानों में 10 पब्लिक सेक्टर के होंगे और 10 प्राइवेट। पब्लिक सेक्टर के संस्थानों को सरकार 1000 करोड़ रुपये की ग्रांट देगी जो पांच सालों में अदा की जाएगी। हालांकि प्राइवेट संस्थानों को सरकार के तरफ से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलेगी। ये संस्थान अपना कोर्स, करिकुलम, फैकल्टी खुद तय कर सकेंगे साथ ही अपने नियम खुद बना सकेंगे। हालांकि केंद्र सरकार इन संस्थानों की स्क्रूटनी करेगी और इन्हें संसद और सीएजी ऑडिट का सामना करना पड़ेगा। 

कमेटी चुनेगी इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस 
कैबिनेट सेक्रटरी, हायर एजुकेशन सेक्रटरी और यूजीसी चेयरमैन की एक कमिटी बनाई जाएगी। यह कमिटी 5-6 ऐसे लोगों को चुनेगी जो इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के लिए 20 संस्थाओं का चयन करेंगे। कमिटी में शिक्षाविद्, उद्योगपति और दूसरे प्रतिष्ठित लोग होंगे। मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और संस्था चुनने का पूरा अधिकार कमिटी के पास होगा। सूत्रों के मुताबिक यह प्रक्रिया अप्रैल 2018 तक पूरी होने की उम्मीद है। कमिटी इन चुने हुए संस्थानों के लिए नियम बनाने में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने एक फोटो भी पोस्ट किया है, जिसमें इन आवेदनों से जुड़ी कई जानकारी शामिल है। बता दें कि वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बनने के बाद 25 फीसदी विदेशी फैकल्टी और 30 फीसदी विदेशी बच्चों के एडमिशन की इजाजत मिल जाती ।

 

 

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