सोशल मीडियाने बदली कूड़ा बीनने वाले के बेटे की किस्मत,अब पूरी कर पाएगा डॉक्टरी की पढ़ाई

Monday, Jul 23, 2018 - 08:43 AM (IST)

नई दिल्लीः सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां कई बार चमत्कार होते हैं। यहां कभी अफवाहें फैलाई जाती हैं, कभी आरोप-प्रत्यारोप लगते हैं और कभी इसके जरिए लोगों की जिंदगियां बदल जाती हैं। इसका हालिया उदाहरण मध्यप्रदेश के देवास में देखने को मिला है। जहां कूड़ा बीनने वाले शख्स के बेटे ने एम्स की प्रवेश परीक्षा को पहले प्रयास में ही पास कर लिया।  

 

इस लड़के का नाम आशाराम चौधरी है। जिसने पहली बार में ही डॉक्टर बनने की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी। लेकिन भारी-भरकम फीस की भरने के लिए उसके परिवार के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में आशाराम की दास्तां को एक ट्विटर यूजर ने साझा किया। चंदर भारद्वाज नाम के शख्स ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'प्रकाश जावड़ेकर, नरेंद्र मोदी कृपया देवास से 40 किलोमीटर दूर स्थित विजयगंज मंडी गांव के आशाराम चौधरी की मदद करें जोकि कूड़ा बीनने वाले का बेटा है। उसने पहले प्रयास में ही एम्स की प्रवेश परीक्षा पास की है लेकिन उसके पास फीस भरने के पैसे नहीं है।'

 

भारद्वाज के बाद भैय्याजी स्पीक्स नाम के एक यूजर ने उनके ट्वीट को ना केवल रीट्वीट किया बल्कि शिवराज सिंह चौहान से आशाराम की मदद करने की अपील की। उन्होंने लिखा, 'शिवराज सिंह चौहान से विनती है कि वह इस ममाले में दखल दें और इस होनहार की मदद करें।' इसके बाद जो हुआ उसने आशाराम की जिंदगी कुछ घंटों में बदल दिया।

 

शिवराज ने कुछ देर बाद ही जवाब देते हुए कहा, 'इस तरफ ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद। मैंने देवास के कलेक्टर से तुरंत आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए कहा है और वह अब आशाराम के संपर्क में हैं। आशाराम मेधावी विद्यार्थी योजना के पात्र हैं और हम उनकी फीस भरेंगे। मैं उससे खुद बात करूंगा और इस सफलता के लिए उन्हें बधाई दूंगा।'

 

आशाराम की खुशियों का सिलसिला यहीं पर नहीं रुका। कुछ देर बाद ही चौहान ने उसे खुशियों की एक और वजह दी। उन्होंने लिखा, 'मुझे पता चला कि आशाराम के पास पक्का मकान भी नहीं है और उनके पास शौचालय और बिजली की सुविधा तक नहीं है। हम उन्हें कई सरकारी योजनाओं के तहत यह सारी सुविधाएं देने वाले हैं। कौन कहता है कि सोशल मीडिया केवल नफरत फैलाता है। यह प्यार भी फैलाता है और लोगों की जिंदगी में खुशियां भी लाता है।' देवास के कलेक्टर ने आशाराम को अपने कार्यालय में बुलाकर आर्थिक मदद का प्रमाणपत्र दिया।

Sonia Goswami

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