आखिर क्यों बचत पर भारतीय नहीं दे रहे जोर!

Tuesday, Sep 11, 2018 - 02:33 PM (IST)

नई दिल्ली:  जहां भारत में कुछ लोग अपने रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स करते हैं। वहीं वैश्विक स्तर पर 33 फीसदी कामकाजी लोग अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए बचत करते हैं। 


एचएसबीसी की तरफ से इस रिपोर्ट के लिए Ipsos ने ऑनलाइन रिसर्च की है और इसमें 16 देशों के 16,000 वयस्कों की राय शामिल की गई है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, कनाडा, चीन, मलेशिया, मेक्सिको, फ्रांस, हांगकांग, इंडिया, इंडोनेशिया, तुर्की, यूएई, ब्रिटेन और अमेरिका के लोग शामिल हुए।

वहीं सर्वे से सामने आए आंकड़ों के अनुसार, 56 फीसदी कामकाजी लोग वित्तीय तौर पर रिटायरमेंट को लेकर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। जबकि 53 फीसदी सिर्फ शॉर्ट टर्म गोल के लिए बचत कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 45 पर्सेंट ने माना कि वे आज के दिन मजे करने पर पैसा खर्च करना पसंद करते हैं, बजाय भविष्य के लिए बचत करने पर।

बताया गया है कि बचत की आदत इस वजह से भी लोगों में नहीं है, क्योंकि वे रिटायरमेंट के बाद भी काम करना चाहते हैं। सर्वे में शामिल दो तिहाई से अधिक लोग रिटायरमेंट के बाद भी कुछ न कुछ काम करने की उम्मीद कर रहे हैं और 54 फीसदी लोग अपना बिजनेस या नया वेंचर शुरू करना चाहते हैं।

जब सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि क्या उन्हें पता है कि रिटायरमेंट की खातिर कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी, 65 पर्सेंट वर्किंग ऐज पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि उन्हें रेजिडेंशियल होम फीस की जानकारी है।
 

pooja

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