पढ़ें, क्यों खतरे में हैं विदेशी छात्रों का भविष्य

Monday, Oct 10, 2016 - 05:00 PM (IST)

नई दिल्ली : देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले सैकड़ों विदेशी छात्रों का भविष्य खतरे में हैं। प्रवेश परीक्षा संबंधी प्रावधान के कारण छात्रों को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

नीट के कारण फंसा एडमिशन का पेंच-
बता दें कि एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में विदेशी छात्र अब तक संस्थागत कोटा प्रणाली के जरिए देश के सरकारी कॉलेजों में आवेदन करके निजी कॉलेजों में दाखिला लेते हैं। लेकिन निजी और डीम्ड संस्थानों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश
परीक्षा (नीट) को अनिवार्य किए जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश से उन्हें अनिश्चितता की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे नीट कक्षा में नहीं आते हैं। 

विदेशी छात्रों को परिसर छोड़ने का आदेश-
नीट की अहर्ता संबंधी शर्तों के अनुसार सिर्फ भारतीय नागरिक और दूसरे देशों में रह रहे भारतीय ही परीक्षा दे सकते हैं।  इसमें विदेशी नागरिकों का कोई जिक्र नहीं होता. ऐसे में कॉलेजों ने विदेशी छात्रों को अगले सप्ताह तक कथित तौर पर परिसर छोड़ने के लिए कहा है।

मणिपाल विश्वविद्यालय में बीडीएस करने आई कोलंबो की शेनाली के पिता तिलक सिल्वा ने कहा, ‘‘नीट प्रावधान के कारण मेरी बेटी और अन्य विदेशी छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।’’ सिल्वा ने कहा, ‘‘विदेशी छात्र नीट परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते और  इनकी तुलना भारतीय छात्रों से की जा रही है. अब हम लोग कहां जाएं क्योंकि हम लोगों को 14 अक्टूबर तक परिसर छोड़ने के लिए कहा गया है। हमारे बच्चों का करियर खतरे में पड़ गया है।’’

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