Independence Day: जानिए कैसा रहा गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर आज़ादी तक का सफर

Wednesday, Aug 14, 2019 - 06:13 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत में हर साल स्वतंत्रता दिवस का जश्न 15 अगस्त को मनाया जाता है। इस बार 73वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जा रहा है। 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों के शासन से आजादी मिलने के बाद से ही 15 अगस्त का लोगों के बीच खास महत्व है। इस दिन भारत में एक नए युग की शुरुआत हुई थी, जब मध्यकालीन व ब्रिटिश गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर एक नए युग में कदम रखा था। 

 

"तन हमारा मिसाल है मोहब्बत की,
तोड़ता है दीवारें नफरत की,
ये मेरी खुश नसीबी है जो मिली जिन्दगी इस चमन में…
और भुला न सके कोई भी इसकी खूशबु सातों जनम में…
जय हिन्द! वन्दे मातरम!"

स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी कुछ विशेष बातें  


1. लार्ड माउंटबेटन ने भारत की स्‍वतंत्रता के लिए 15 अगस्‍त का दिन इसलिए चुना क्‍योंकि वह इस दिन को अपने कार्यकाल के लिए सौभाग्‍यशाली मानते थे। वहीं 1947 में हुए शोध पत्र के अनुसार नेहरु जी ने 16 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराया था क्योंकि ज्योतिषियों अनुसार 3 जून से 15 अगस्त की तिथियां अशुभ थी। 


2. आजादी के समय भारत का कोई राष्ट्रगान नही था। वहीं रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1911 में लिखा गया 'जन-गण-मन' 1950 में राष्ट्रगान घोषित किया गया। उन्होंने बंगाली भाषा में यह कविता लिखी थी जिसके पांच छंद थे, तब राष्ट्रगान के तौर पर इसके पहले छंद को ही स्वीकृति मिली थी। 


3. भारत 15 अगस्त को आजाद जरूर हो गया लेकिन उस समय उसका अपना कोई राष्ट्रगान नहीं था। रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में 'जन-गण-मन' लिखा था लेकिन इसे 1950 में ही राष्ट्रगान घोषित किया गया।

राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम और कानून

तिरंगा झंडा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है। तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है। 

झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है। 

झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। 

तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। तिरंगे का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच को सजाने में नहीं किया जाता है। 

स्कूल में ऐसे मनाएं स्‍वतंत्रता दिवस 

अक्सर स्कूलों और कॉलेजों में स्‍वतंत्रता दिवस को बहुत ही विशेष तौर पर मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी दफ्तरों आदि जगहों पर तिरंगा फहराया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रगान गाया जाता है। वहीं, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के बीच लड्डू वितरण भी किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति 'राष्ट्र के नाम संबोधन' देते हैं। 

स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर राजधानी तथा सभी सरकारी भवनों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। ऐसे में स्टूडेंट्स को इस दिन स्‍वतंत्रता दिवस के बारे में जानकारी नाटक, प्रस्तुतियां, देश भक्ति के गीत और भाषणों व् विचारों की मदद से देनी चाहिए। 

स्वतंत्रता सेनानियों के विचार 

महात्मा गांधी
उस आजादी का कोई फायदा नहीं है जिसमें गलतियां करने की आजादी न हो।


भगत सिंह
बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है। 

डॉ. भीमराव अंबेडकर
जब तक आप सामाजिक स्तर पर स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तब तक कानून द्वारा दी गई स्वतंत्रता आपके किसी मतलब की नहीं है। 

एपीजे अब्दुल कलाम 
किसी लोकतंत्र में हरेक नागरिक की वैयक्तिकता, कल्याण और खुशी किसी राष्ट्र की खुशी, शांति और समृद्धि के लिए जरूरी होती है। 

Riya bawa

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