नकल विहीन परीक्षा का मकसद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार

punjabkesari.in Friday, Dec 07, 2018 - 08:46 AM (IST)

लखनऊःउत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि नकल विहीन परीक्षा के लिये कटिबद्ध सरकार की मंशा शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल सुधार लाना है।  अगले साल होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा बैठक में डा शर्मा ने कहा कि परीक्षा केन्द्र निर्धारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। 

डा. शर्मा ने अच्छा काम करने वाले अधिकारियों की सराहना भी की। उन्होंने डीआईओएस एवं अन्य अधिकारियों के प्रमोशन से संबन्धित लंबित प्रकरण के शीघ्र निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।  उन्होंने बोर्ड परीक्षा 2018 की कापियों के मूल्यांकन से सम्बन्धित समस्त लंबित भुगतान जल्द से जल्द करने तथा आगामी बोर्ड परीक्षा-2019 की परीक्षा कापियों की मूल्यांकन के समस्त भुगतान कॉपी मूल्यांकन के एक माह के भीतर किए जाने के निर्देश दिए। 

डा. शर्मा ने आगामी वर्ष से स्कूलों की मान्यता की प्रक्रिया तीन माह यानी एक जुलाई से 30 सितम्बर के बीच पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।  डा. शर्मा ने कहा कि ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाय, जो पिछले तीन सालों से बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं अथवा काली सूची में दर्ज हैं। परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा कक्ष की निर्धारित धारण क्षमता के अनुसार ही परीक्षार्थियों की संफ्या आवंटित की जाए। जिन अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्त विहीन विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाय, उनमें प्रवेश द्वार सहित प्रत्येक कक्ष में वॉइस रिकॉर्डर युक्त सी.सी.टी.वी. कैमरा एवं रिकार्डिंग हेतु डी.वी.आर. की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र जी.पी.एस. से लिंक हो।  उप मुख्यमंत्री ने माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई और पाठ्यक्रम पूरा किए जाने के लिये अभियान चलाकर विद्यालयों का निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिये और कहा कि ऐसे विद्यालयों को चिन्हित किया जाए जहां पठन पाठन का कार्य नहीं हो रहा है।  
 


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Sonia Goswami

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