प्रमोशन पाना चाहते है तो अॉफिस में भूलकर भी ना करें ये गलतियां

Thursday, Aug 17, 2017 - 03:36 PM (IST)

नई दिल्ली : जब भी आप किसी जगह नौकरी करते है तो आपकी एक ही इच्छा होती है कि आपको बस जल्दी से जल्दी प्रमोशन मिल जाएं। इसके लिए आप लोग दिन -रात एक कर देते है। भले  ही आपको कितनी मेहनत क्यों ना करनी पड़े। लेकिन फिर भी कई बार आपको प्रमोशन देने की बजाए आपसे बाद में आए लोगों को प्रमोशन मिल जाता है। एेसे में आप यह सोचने लगते है कि आपमें वह सारी खूबियां थी , लेकिन फिर भी अापको प्रमोशन क्यों नहीं दिया जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है इसकी एक वजह अॉफिस में बॉस और कलीग के बीच  आपकी खराब इमेज  भी हो सकती है। कई बार हमें पता ही नहीं चलता कि हमारी दो चार सामान्य सी आदतें ही प्रोफेशनल तरक्की के आड़े आ रही हैं। इसलिए अगर आप प्रमोशन पाना चाहते है तो इन बातों से बचना चाहिए 

किसी अभियान के लिए लोगों को जुटाना
आप भले ही सोशल मूवमेंट से जुड़े हों या प्रभावित हों या जुड़ना चाहते हों मगर आपको ऑफिस टाइम और ऑफिस स्पेस में लोगों को उस अभियान या मूवमेंट के लिए जागरूक करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आमतौर पर सभी कंपनियों की पॉलिसी के खिलाफ होता है, क्योंकि इससे ऑफिस टाइम किल होता है। आपको किसी भी तरह की गैर प्रोफेशनल भाषणबाजी भी हर कीमत पर एवॉइड करनी चाहिए।

ईवेंट से बचना 
भले ही आप शर्मीले हों या आपके पास करने के लिए और कई जरूरी काम हों, अगर आप कंपनी या साथियों द्वारा ऑर्गनाइज की गई किसी भी ईवेंट से बचते हैं या उसमें शामिल ही नहीं होते तो इसका मतलब ये जाता है कि आप एंटीसोशल हैं और खुद को टीम का हिस्सा नहीं मानते। इससे यह मैसेज भी जाता है कि आप अकड़ू हैं।

सवालों की बौछार
जब भी कोई नई चीज शुरू होती है, हमारे मन में कई सवाल आते हैं। सवाल वाजिब हो सकते हैं लेकिन उन्हें पूछने का भी एक कायदा और सही वक्त होता है। किसी इनीशिएटिव, सिस्टम या प्रोसेस की जब घोषणा हो रही हो तो उसी वक्त सवालों की बौछार नहीं लगानी चाहिए। आप पहले सिस्टम को समझें और उसके बाद अपने संदेह को क्लियर करें। अगर आपको कोई नया असाइनमेंट मिला है तो उससे जुड़े सवालों को नोट मन में या पेपर पर नोट डाउन करें और फिर सही वक्त देकर या वक्त मांगकर संबंधित शख्स से बात करें।

जानकारी लीक करना
हर बात, हर किसी को पकड़-पकड़ कर ऐसी बातें बताना जो अभी पब्लिक डोमेन में न आईं हों, बहुत बुरी आदत है। ऐसे लोग अक्सर यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वह बॉस या मैनेजमेंट के बहुत नजदीक हैं। इसे ढोल बनना कहते हैं। ऐसे लोगों पर साथी भरोसा नहीं करते और अपनी बातें शेयर करने से कतराने लगते हैं। इसके अलावा बॉस भी ऐसे लोगों को किसी फ्यूचर प्लानिंग में शामिल नहीं करते, क्योंकि वह कुछ नई चीज लागू होने से पहले ही हल्ला मचा देते हैं

मीटिंग में बहुत मूवमेंट करना
मीटिंग के दौरान हमें अपनी आंखों और बॉडी पर थोड़ा कंट्रोल रखना चाहिए। हम बार-बार हिलना डुलना, बॉडी को स्ट्रेच करना या मोबाइल चेक करना या फिर गाल पर हाथ रखकर बैठना गलत मैसेज देते हैं। खासतौर पर आपके बॉस को लगता है कि मीटिंग में आपका इंटरेस्ट नहीं हैं। हो सकता है कि मीटिंग में उस टॉपिक पर चर्चा हो रही हो, जिसके बारे में आप पहले से जानते हैं मगर इसका ये मतलब कतई नहीं है कि आप साथियों या बॉस के सामने ऐसा प्रीटेंड करें कि आप तो पहले से ही सबकुछ जानते हैं।

बार - बार बीमार
जो लोग अक्सर बीमार होने की बात कहकर छुट्टी लेते हैं उनकी इमेज नेगेटिव बन जाती है। हर कोई इस बात को समझता है कि आप बीमार नहीं थे मगर फिर भी आपने बीमारी के नाम पर ऑफ लिया। यह बात आपके बॉस को भी पता होती है। तब और ज्यादा बुरा मैसेज जाता है जब आप पहले से बताने की बजाए मैसेज पर अपनी बीमारी का हवाला देकर छुट्टी कर लेते हैं। 

डेस्क पर मेकअप करना
यह बात आमतौर पर महिलाओं पर लागू होती है। डेस्क पर ही मेकअप करना या टचअप करना गलत मैसेज देता है। अगर आपको ऐसा करना है तो बेहतर होगा आप बाथरूम में जाएं।

साफ सफाई का ध्यान न रखना
आप भले ही अपने काम को लेकर बेहद सीरियस हों मगर आपकी बेतरतीब लुक और आपके बेतरतीब कपड़े आपके केयरलैस होने का मैसेज देते हैं। आप वॉशरूम से निकलते वक्त ठीक से हाथ नहीं धोते या आप आपसे बदबू आ रही होती है। आप अपने वर्क स्टेशन को गंदा रखते हैं। यह सब आपकी प्रोफेशनल इमेज को बुरी तरह डैमेज करते हैं। दांत खोदना, कान खुजाना जैसी हरकतें भी ऑफिस में करना ठीक नहीं रहता।

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