विदेशों में काम करके मोटी सैलरी पाना चाहते हैं तो करें ये कोर्स

Monday, Apr 10, 2017 - 06:52 PM (IST)

नई दिल्ली : अगर आप विदेश में नौकरी कर बसना चाहते हैं तो आपको बारहवीं के बाद कोई ऐसा कोर्स करना चाहिए जिसकी विदेशों में खबू डिमांड के साथ-साथ खूब पैसा भी हो। आज हम आपको ऐसे 5 कोर्स के बारे में बताएगें जिनमें विदेश में नौकरी और मोटी सैलरी मिलती हो।

विदेश में नौकरी

मकैनिकल इंजीनियरिंग 
मशीनरी और उनके पार्ट्स का डिज़ाइन डेवलप करने का काम इस कोर्स में सिखाया जाता है। इसके अलावा इनका काम मैन्‍यूफैक्‍चरिंग प्रक्रिया की देखरेख करना भी होता है। मकैनिकल इंनीजनियरिंग कोर्स की सबसे ज्‍यादा डिमांड यूएस, यूके, ऑस्‍ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में है। यहां पर मकैनिकल इंनीजनीयर की सालाना सैलरी 55 लाख रुपए है।

कंप्‍यूटर साइंस
कंप्‍यूटर साइंस के कोर्स के अंतर्गत कंप्‍यूटर सिस्‍टम और उसके नेटवर्क्स की सुरक्षा करना, उसके डाटा को हैकिंग से बचाना और साइबर क्राइम से प्रोटेक्‍शन करना सिखाया जाता है। विदेशों में साइबर क्राइम बहुत ज्‍यादा होता है इसलिए कंप्‍यूटर साइंस की यहां पर काफी डिमांड है। इस कोर्स को करने के बाद आपको यूएस, यूके, आयरलैंड, जर्मनी और इज़रायल में आसानी से नौकरी मिल सकती है। इस क्षेत्र में नौकरी करने पर आपको सालाना पैकेज करीब 60 लाख रुपए तक मिल सकता है।


सिविल इंजीनियरिंग
पब्लिक और प्राइवेट सेक्‍टर्स में सड़क, भवन, बिल्‍डिंग्‍स, एयरपोर्ट, सुरंग का निर्माण और जलापूर्ति का डिज़ाइन और निर्माण करना इस कोर्स के अंतर्गत आता है। सिविल इंजीनियर्स की डिमांड ऑस्‍ट्रेलिया, यूएस और यूएई में सबसे ज्‍यादा रहती है। यहां पर आपको 54 लाख सालाना सैलरी मिल सकती है।

बीमा विज्ञान
वित्त के क्षेत्र के में रिस्‍क और बीमा के लिए सांख्यिकी और मॉडलिंग के सॉफ्टवेयर और तकनाकों का इस्‍तेमाल इस कोर्स में किया जाता है। बीमा विज्ञान का कोर्स करने के बाद आपको ऑस्‍ट्रेलिया, यूके, न्‍यूज़ीलैंड और यूएस में 64 लाख रुपए की सालाना सैलरी पर नौकरी मिल सकती है।

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
मेडिकल के क्षेत्र में इंजीनियरिंग स्किल्‍स का इस्‍तेमाल और हैल्‍थकेयर में प्रयोग होने वाले उपकरण तैयार, डिज़ाइन और उन पर रिसर्च करना, इस कोर्स का हिस्‍सा है। इस कोर्स के बाद आपको न्‍यूज़ीलैंड, ऑस्‍ट्रेलिया, आयरलैंड, यूके और कनाडा में 57 लाख रुपए की सालाना सैलरी पर नौकरी मिल सकती है।

फार्मास्‍यूटिकल साइंस
इस कोर्स में नइ दवाओं को विकसित करना, उनका टैस्‍ट करना और उन्‍हें मैन्‍यूफैक्‍चर करने का काम सिखाया जाता है। फार्मास्‍यूटिकल साइंस का कोर्स करने वाले कैंडिडेट्स की न्‍यूज़ीलैंड, यूएस, स्‍वीडन और सिंगापुर में काफी डिमांड है। यहां पर आपको सालाना सैलरी 52 लाख से 66 लाख रुपए तक के बीच मिल सकती है।

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