IAS Success Story: सिनेमा हॉल में टिकट बेचकर गुजारे दिन, यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर जयागणेश बने

Tuesday, Oct 22, 2019 - 03:28 PM (IST)

नई दिल्ली: हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है जिससे पूरी कहानी बदल जाती है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं जयागणेश। कहानी में इस शख्‍स ने UPSC की परीक्षा में 1, 2 नहीं बल्‍कि 6 बार फेल हुए लेकिन फिर भी उन्‍होंने अपना धैर्य नहीं खोया, वो डटे रहे।

जानें कैसा रहा सफर

-जयागणेश एक गरीब परिवार से ताल्‍लुक रखते हैं, उनके पिता लेदर फैक्‍ट्री में सुपरवाइजर का काम कर महीने में सिर्फ 4500 रुपये कमाते थे इतने पैसे में घर का खर्चा चलना बेहद मुश्‍किल था।

-पूरे परिवार का भरण-पोषण और पढ़ाई कर पाना असंभव था। परिवार में सबसे बड़े होने के नाते भी खर्चा उठाने की जिम्‍मेदारी भी उन पर आ चुकी थी इसलिए वो चाहते थे कि पिता की मदद कर सकें।

12वीं में 91 प्रतिशत अंक

जयागणेश पढ़ाई में बेहद अच्‍छे थे, 12वीं में उन्‍होंने 92 फीसदी अंक हासिल किए थे। अच्‍छे अंक होने के बाद उन्‍होंने स्‍कॉलरशिप की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया।


-इंजीनियरिंग खत्‍म करने के बाद जॉब मिल भी गई लेकिन कुछ वक्‍त ही उन्‍हें ये अहसास हुआ कि शायद वो कुछ और करना चाहते हैं। इस बात के कारण  जयागणेश ने महसूस किया कि गांव में बेहद गरीबी है, उनके जैसे तमाम और परिवार हैं, जो ऐसी परिस्‍थति में जी रहे हैं। 

इंजीनियरिंग की छोड़ी जॉब
-परिस्‍थतियों को बदलने के लिए उन्‍होंने इंजीनियरिंग की जॉब छोड़ दी इसी दौरान उन्हें पता चला कि वह बदलाव ला सकते हैं अगर वो कलेक्टर बन जाएं, बस इसलिए उन्‍होंने इंजीनियरिंग की जॉब छोड़ दी। जयागणेश ने मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और आईएएस की तैयारी के लिए जयागणेश चेन्नई चले गए। 

वेटर की नौकरी
गणेश ने अपना खर्चा चलाने के लिए सत्यम सिनेमा हॉल में बतौर बिलिंग ऑपरेटर काम किया, यहां उन्हें तीन हजार रुपये सैलेरी मिलती थी। साल 2004 में वह आईएएस मेन्स परीक्षा में फेल हो गए। उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और वेटर की नौकरी करने लगे, इस नौकरी में उन्हें पढ़ने का टाइम मिला। 

छठी बार परीक्षा में असफल 
जयागणेश पहले दो प्रयास में प्री एग्जाम भी नहीं पास कर पाए। छठी बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद उन्होंने 7वीं बार यूपीएससी की परीक्षा दी,जब वो 7वीं बार परीक्षा में बैठे तो प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू भी पास कर गए, उन्हें 7वीं बार में 156वां रैंक मिल गई।

Riya bawa

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