IAS Success Story: हिमाचल के अभिषेक ने कर दिखाया कमाल, ऑल इंडिया में हासिल की 32वीं रैंक

Thursday, Sep 05, 2019 - 12:26 PM (IST)

नई दिल्ली: यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। कुछ लोग सोचते है कि बिना कोचिंग के इस परीक्षा को पास करना मुश्किल है। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सेल्फ स्टडी के जरिए इस परीक्षा को पास करते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं हिमाचल प्रदेश के अभिषेक वर्मा।

जानें कैसे हासिल की 32वीं रैंक
-हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के रहने वाले अभिषेक वर्मा ने साल 2017 के यूपीएससी परीक्षा में 32वीं रैंक हासिल की है। उन्हें ये सफलता दूसरी बार में हासिल हुई। 

पढ़ाई और जॉब 
अभिषेक ने आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब भी मिली लेकिन अभिषेक ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। वो प्राइवेट सेक्टर के बदले आईएएस बनकर समाज के लिए अपना योगदान देना चाहते थे। उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी खुद से शुरू की। अभिषेक का कहना है कि सेल्फ स्टडी करने से यूपीएससी में आसानी से सफलता हासिल होगी।

पहली बार में 961वीं रैंक की हासिल
-अभिषेक ने साल 2016 में जब पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी तब उन्हें 961वीं रैंक हासिल हुई थी। इस रैंक के तहत उन्हें भारतीय लेखा एवं लेखा सेवा (आइएसएंडएएस) के लिए चयन किया गया था। इस नौकरी के तहत वो राष्ट्रीय अकादमी शिमला में प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे। 

-पहली बार में यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करने के बाद वह खुश नहीं थे इसलिए उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उन्हें 32वीं रैंक हासिल हुई। 

इन टिप्स के जरिये की परीक्षा पास 
1. सेल्फ स्टडी के दौरान अभिषेक रोजाना 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई करते थे। 

2. अभिषेक वर्मा के मुताबिक हर बार पेपर काफी अलग होता हैं। जब साल 2016 में मैंने परीक्षा दी तब 50 प्रतिशत सवाल करेंट अफेयर्स से थे जबकि साल 2017 में बैलेंस पेपर था। ऐसे में परीक्षा की तैयारी भी बैलेंस तरीके से करनी चाहिए। 

3. कई बार लोग एक टॉपिक के लिए कई सोर्स का निर्भर हो जाते हैं, जो कि बिल्कुल नहीं करना चाहिए। बार बार सोर्स बदलने की वजह से कंफ्यूजन पैदा होती है, जिसमें काफी समय चला जाता है। परीक्षा की तैयारी के दौरान एक सोर्स के जरिए ही पढ़ाई करें ताकी रिवीजन बार बार हो सकें।

4. पिछले साल का क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने से भी तैयारी में मदद मिलती है। अभिषेक वर्मा के मुताबिक अगर स्ट्रेटजी सही हो तो पूरे सिलेबस को कवर किया जा सकता है। परीक्षा के बेसिक को समझने के बाद लोगों को आंसर राइटिंग और रिविजन पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए। 

Riya bawa

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