IAS Success Story: आदिवासी मनरेगा मजदूर की बेटी बनी IAS, टूटे घर में रहकर की थी पढ़ाई

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 03:20 PM (IST)

नई दिल्ली: यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं केरल की पहली आदिवासी लड़की श्रीधन्या सुरेश, जिसने कम सुविधा होने के बावजूद, अपने दम पर यूपीएससी की परीक्षा पास कर IAS बनी हैं। 

जाने कैसे रहा IAS बनने का सफर 

 IAS Success Story  Sridhanya

पारिवारिक जीवन 
-श्रीधन्या सुरेश केरल की पहली आदिवासी लड़की है, जिसने यूपीएससी की परीक्षा पास कर IAS बनने का सपना साकार किया है। श्रीधन्या के पिता मनरेगा में मजदूरी करते थे और बाकी समय धनुष-तीर बेचा करते थे। 

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-आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं होने के कारण परिवार को घर बनाने के लिए सरकार से जमीन मिली थी, लेकिन जमीन मिलने के बाद भी उनके पास पैसों की कमी थी, जिसके बाद उनका परिवार घर नहीं बनवा पाएं। उनके माता- पिता बहुत गरीब थे। 
-यूपीएसई की तैयारी के दौरान श्रीधन्या आधे- अधूरे बने घर में अपने माता-पिता, और दो भाई-बहनों के साथ रहती थीं लेकिन पैसों की कमी कभी पढ़ाई के बीच में नहीं आने दिया। 

 

पढ़ाई और जॉब 
श्रीधन्या ने कोझीकोड के सेंट जोसफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली, उसके बाद ही उसी कॉलेज से जूलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में क्लर्क के पद पर काम करने लगी। इसके बाद उन्होंने वायनाड के एक आदिवासी हॉस्टल में वार्डन के तौर पर काम किया। 

IAS बनने के लिए किया मोटिवेट

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-वार्डन के तौर पर काम करते हुए उन्हें यूपीएससी परीक्षा देने के लिए मोटिवेट किया गया। बता दें कि तीसरे प्रयास में उनका सिलेक्शन इंटरव्यू के लिए हुआ था, उस समय श्रीधन्या के पास दिल्ली आने के लिए पैसे भी नहीं थे, लेकिन दोस्तों से मिलकर उन्होंने पैसे जमा किए और दिल्ली आकर इंटरव्यू दिया। 

-श्रीधन्या ने एक इंटरव्यू में बताया, 'मैं राज्य के सबसे पिछड़े जिले से हूं. यहां से कोई आदिवासी आईएएस अधिकारी नहीं हैं, जबकि यहां पर बहुत बड़ी जनजातीय आबादी है। इससे आशा है कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए सभी बाधाओं को दूर करने में एक प्रेरणा का काम करेगी। इस तरह दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष करके इस लड़की ने यूपीएससी परीक्षा को क्लियर किया। 


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Author

Riya bawa

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