"AIIMS में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए चुने जाने पर बहुत खुश हूं "

Monday, Jul 23, 2018 - 09:00 AM (IST)

भोपालः मध्यप्रदेश के देवास जिले के कचरा बीनने वाले के 18 वर्षीय बेटे आशाराम चौधरी ने कहा कि पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की परीक्षा पास कर एम्स जोधपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए चयनित होने से वह बहुत खुश है जिसे वह शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।  उसने अत्यधिक गरीबी से जूझने के बावजूद यह उपलब्धि हासिल की है। 

 

आशाराम ने फोन पर कहा, ‘‘एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए एम्स में चयनित होने पर मैं इतना खुश हूं कि मैं अपनी खुशी को शब्दों में प्रकट नहीं कर सकता हूं। मेरा अगला सपना है कि मैं न्यूरोसर्जन बनूं।’’उसने कहा, ‘‘मेरी इच्छा है कि एमबीबीएस के बाद मैं न्यूरोलॉजी में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) करूं।’’ आशाराम ने कहा, ‘‘मैं पढ़ाई करने के लिए विदेश नहीं जाऊंगा और न ही वहां जाकर बसूंगा। मैं अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद अपने गांव आकर अपना पूरा जीवन व्यतीत करूंगा।’’ उसने कहा, ‘‘अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद मैं देवास जिले के अपने गांव विजयागंज मंडी वापस आऊंगा और वहां एक अस्पताल खोलूंगा, ताकि वहां कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे।’’ 

 

विजयागंज मंडी गांव देवास जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर है।  आशाराम ने कहा, ‘‘मेरी जड़ें मेरे गांव में हैं, जहां मैंने एक सरकारी स्कूल में प्राथमिक शिक्षा हासिल की। बाद में मैंने देवास जिले में पढ़ाई की।’’उसने कहा, ‘‘मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। मेरे पिताजी (रणजीत चौधरी) ने पन्नियां, खाली बोतलें एवं कचरा बीनकर घर का खर्च चलाया और मुझे एवं मेरे भाई-बहन को पढ़ाया। लेकिन जब मेरा चयन एम्स के लिए हो गया, तो मैंने उनसे कहा कि अब कचरा बीनने का काम मत करो। हम उनके लिए एक छोटी सी सब्जी की दुकान खोलने की योजना बना रहे हैं।’’ 

 

आशाराम की मां ममता बाई गृहिणी हैं। छोटा भाई सीताराम (17) नवोदय विद्यालय में 12 वीं की पढ़ाई कर रहा है तथा एक बहन नर्मदा (14) है, जो नौवीं में पढ़ रही है।  विजयागंज मंडी गांव में आशाराम के पिता की घास-फूस की एक झोपड़ी है, जिसमें न तो शौचालय है और न ही बिजली का कनेक्शन। आशाराम ने कहा, ‘‘मैं आज ही एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई करने जोधपुर जा रहा हूं। (देवास) कलेक्टर ने मुझे बस की टिकट दी है। वह मेरे साथ राज्य सरकार के एक अधिकारी को भी भेज रहे हैं। मैं उनका बहुत आभारी हूं।’’ मई में आयोजित एम्स की प्रतिष्ठित चयन परीक्षा में आशाराम ने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में 141वीं रैंक हासिल की है। उसने छह मई को राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) भी पास की है। नीट में ओबीसी वर्ग में उसकी 803वीं रैंक आई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आशाराम को बधाई दी है।   
 
 

Sonia Goswami

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