बहुत पुराना है फतवों का इतिहास,अजीबों गरीब फरमान करते हैं हैरान

Tuesday, Sep 18, 2018 - 10:17 AM (IST)

देश-दुनिया से फतवा जारी करने की खबरें आती रहती हैं। इन फतवों में अलग-अलग तरह की बातें होती हैं। दुनिया में कुछ ऐसे अजीबोगरीब फतवे भी जारी किए गए हैं, जिन्हें जानकार आप हैरान रह जाएंगे। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ अजीब फतवों के बारे में बता रहे हैं।


इजिप्ट की अल अजहर यूनिवर्सिटी में एक विभाग के प्रमुख डॉ. अजात अतिया ने 2007 में एक फतवा जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि महिला कर्मियों को अपने पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करने के लिए ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि एक महिला यदि पुरुष सहकर्मी को कम से कम पांच बार ब्रेस्टफीडिंग कराती है, तो इससे उनके बीच पारिवारिक संबंध जैसा स्थापित हो जाता है। इसके बाद उन्हें एक-दूसरे के साथ अकेले काम की अनुमित दी जाएगी।

 

साल 2005 में सऊदी के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने फुटबॉल मैच को लेकर महिलाओं के खिलाफ फतवा जारी किया। उसने कहा कि महिलाओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की कौन मैच जीत रहा है। वे सिर्फ खिलाड़ियों की जांघें देखती हैं। साल 2011 में यूरोप के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने फतवा जारी किया कि यौन विचारों से बचने के लिए महिलाओं को केला या खीरे से दूर रहना चाहिए।

 

अल अजहर यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ शरिया के पूर्व डीन राशद हसन खलिल ने साल 2006 में फतवा जारी किया कि पूरी तरह नग्न होकर शारीरिक संबंध बनाने पर शादी अमान्य हो जाती है। साल 2016 में सऊदी अरब के मुफ्ती अब्दुल अजीज बिन अब्दुल्ला अल-शेख ने मुस्लिम अभिभावकों को पोकेमॉन गेम से सावधान रहने की चेतावनी दी। उन्होंने आग्रह किया कि मुस्लिम माता-पिता अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने बच्चों को पोकेमॉन कार्ड और गेम खेलने से रोकें।

 

साल 2014 में आईएसआईएस ने महिलाओं के कुर्सी पर बैठने को लेकर फतवा जारी किया। फतवे में कहा गया कि कुर्सी पर बैठने से महिलाओं में यौन उत्तेजना हो सकती है। साल 2016 में सऊदी अरब के मुफ्ती ने शतरंज को लेकर फतवा जारी किया। उन्होंने कहा कि इस्लाम में इसे मना किया गया है।

Sonia Goswami

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