भारत में नौकरी पाने के लिए विदेशी स्टूडेंट्स सीख रहे है हिंग्लिश

Friday, Mar 09, 2018 - 05:33 PM (IST)

नई दिल्ली : आज देश में हम कहीं भी चले जाएं, कोई भी अंग्रेजी भाषा के प्रेम से अछूता नहीं है। हर एक व्यक्ति चाहता है कि काश वह जल्द से जल्द अंग्रेजी  बोलना सीख सकें। इसके लिए वह कई सारे उपाय करने के साथ - साथ इंग्लिश ना आते हुए भी इस भाषा को बोलने का प्रयास भी करता है। लेकिन वहीं कई देश एेसे भी है जहां हिंदी भाषा का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है और इसी को देखते हुए वहां के कॉलेजों में कोर्स भी करवाएं जा रहे है। ब्रिटेन में हिंदी भाषा को लेकर उत्सुक्ता बढ़ती जा रही है। हिंदी भाषा में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए ब्रिटेन के कॉलेज अपने स्टूडेंट्स को खुल कर हिंदी सीखा रहे है। पोर्ट्समाउथ कॉलेज ने स्टूडेट्स के लिए खास हिंग्लिश कोर्स शुरु किया है। इसमें हिंदी और अग्रेंजी का मिला जुला प्रयोग सिखाया जा रहा है। एेसा भारत में नौकरी पाने के लिए किया जा रहा है। 

फिल्मों की ले रहे है हेल्प 
भारतीय मूल के शिक्षक विराज शाह का कहना है कि वे भारतीय फिल्मों की भई मदद ले रहें है। एक था टाइगर, लव आज कल,शादी के साइडे इफेक्ट्स,कुछ एेसे फिल्मी टाइटल है जिनकी मदद वे लेते है। छात्रों की प्रतिक्रिया को देखते हुए सिंतबर में पहले सत्र में कोर्स कोे बढ़ाया जा सकता है।

6 साल पहले की तैयारी 
हिंदी के महत्व को ब्रिटिश राजनियकों ने साल 2012 में ही समझ लिया था। उन्होंने तभी से प्रयास शुरु कर दिए थे। 

12वीं क्लास में कोर्स
कॉलेज के ए लेवल ( भारत में प्लस टू के बराबर) कोर्श में हिंग्लिश पढ़ाया जाना शुरु किया गया है। 

क्या है हिंग्लिश
हिंग्लिश की शुरुआत यू तो भारत में ब्रिटिश राज के दौरान 17वीं सदीे से ही गई थी, लेकिन इसका व्यापक स्वरुप अब सामने आ रहा है। कई टीवी चैनलों और फिल्मों में इसका इस्तेमान शुरु हो गया है। क्योंकि कई अंग्रेजी बोलने वाले देशों में हिंदी के कई शब्द प्रचलित हैं। पायजामा और शैम्पू जैसे शब्द भारत में ही शुरु हुए माने जाते है जो दुनिया भर में प्रचलति है। 

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