उच्च न्यायालय ने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए व्याख्याताओं की भर्ती पर मांगा जवाब

Friday, Jul 20, 2018 - 10:32 AM (IST)

 इंदौर: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिये 24 व्याख्याताओं की भर्ती की जारी प्रक्रिया में कथित गड़बडिय़ों को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज प्रदेश सरकार से हफ्ते भर के भीतर जवाब तलब किया।      

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार जोशी ने इस मामले में शहर के गैर सरकारी संगठन आनंद र्सिवस सोसायटी की याचिका पर नोटिस जारी किये। इन नोटिस के जरिये प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव से जवाब तलब किया गया।  

युगल पीठ ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार की संबंधित भर्ती प्रक्रिया के दौरान दिव्यांग विद्यार्थियों के लिये व्याख्याताओं की कोई भी नियुक्ति की जाती है, तो वह इस जनहित याचिका पर अदालत के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी।  याचिकाकर्ता के वकील आशीष चौबे ने संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अस्थिबाधित दिव्यांगों के लिये व्याख्याताओं के चार पदों, श्रवणबाधित दिव्यांगों के लिए व्याख्याताओं के नौ पदों और दृष्टिबाधित दिव्यांगों के लिए व्याख्याताओं के कुल 11 पदों पर सीधे साक्षात्कार के जरिए भर्ती की जा रही है।   

उन्होंने बताया कि जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि जारी भर्ती प्रक्रिया में व्याख्याताओं की शैक्षणिक योग्यता को लेकर प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के तय मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसके साथ ही, केंद्र सरकार के उन मार्गदर्शी सिद्धांतों की भी कथित अनदेखी की जा रही है जो विशेष जरूरतों वाले विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए हैं। 
 

pooja

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