दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चल रही "हैप्पीनेस क्लास", जानें कैसे मिल रहा है बच्चों को लाभ

Tuesday, Feb 25, 2020 - 02:58 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूल अपनी गुणवत्ता को लेकर आज देश भर में मिसाल बनकर उभरे हैं। इस सुधार के लिए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने काफी काम किया है। इसके चलते दिल्ली सरकार की ओर से हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत की गई। इस करीकुलम से 8 लाख बच्चों को लाभ मिला है। ये करीकुलम एक साल पहले बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने बच्चों के लिए शुरू किया था। 

जानें हैप्पीनेस क्लास का मतलब 
-हैप्पीनेस क्लास का मकसद है कि एक बच्चा जो पढ़ने में अच्छा है, वह समाज में भी अच्छा हो, परिवार में भी अच्छा हो। स्वयं खुश रहे और दूसरों को भी खुश रखे। बच्चा जब स्कूल से निकले तो वह एक इंसान बन कर निकले। 

- यह क्लास 5 से लेकर 13 साल की उम्र बच्चों के व्यक्तित्व विकास में बहुत महत्व रखती है। यदि हम इन बच्चों को अच्छा इंसान बना पाते हैं तो यह उनके लिए बहुत ही अच्छा साबित होगा। यह देश के भविष्य के लिए भी अच्छा होगा।

'हैप्पीनेस करिकुलम' में किन बच्चों को पढ़ाया जाता है
-हैप्पीनेस करिकुलम दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का वह पाठ्यक्रम है जो शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की पहल पर सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है। इसके तहत नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों को रोजाना पहला पीरियड यानी 40 मिनट में हैप्पीनेस पर ध्यान दिया जाता है। 

-हैप्पीनेस करिकुलम के तहत बच्चों को मेडिटेशन कराया जाता है, ज्ञानवर्धक और नैतिकता संबंधित कहानियां सुनाई जाती हैं। हैप्पीनेस करिकुलम' के जरिये  बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत किया जाता है। इस विषय की कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी। मूल्यांकन बच्चों के हैप्पीनेस इंडेक्स के माध्यम से किया जाएगा।

- शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि इससे बच्चे पढ़ाई में पहले से ज्यादा ध्यान लगा रहे हैं अपने माता-पिता और अध्यापकों की पहले से ज्यादा इज्जत कर रहे हैं और तनावमुक्त होकर पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। 

भविष्य के लिए अच्छा है ‘हैप्पीनेस क्लास’
इस क्लास को कराने का मकसद बच्चों का मानसिक विकास है, इसे करने से बच्चों का मन शांत रहता है और वह अपनी संस्कृति के प्रति जागरुक रहते हैं। बच्चों के माता-पिता का कहना है कि इस क्लास को करने से बच्चों का पढ़ाई पर फोकस बढ़ा है। बच्चों को गुस्सा, नफरत और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से बचाया जा सकेगा। 

हैप्पीनेस क्लास का मूल मकसद बच्चों को जीवन का पाठ पढ़ाना है जिससे वह समाज और परिवार के प्रति सकारात्मक तरीके से अपना योगदान दे सकें।  इसके अलावा इसका मकसद बच्चों को खुश रखना भी है, बच्चे खुश होंगे तो बेहतर तरीके से जिंदगी को जी पाएंगे। 

Riya bawa

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