Success Story : जन्म से था विकलांग फिर भी असम के अली ने HSCL परीक्षा में 86% अंक किए हासिल

Tuesday, Jun 09, 2020 - 02:30 PM (IST)

नई दिल्ली: हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है जिससे पूरी कहानी बदल जाती है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो सीखने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ कामयाबी हासिल करते है। आज बात कर रहे है कि जन्म से विकलांग, अब्दुल मजीद अली की जिसने असम एचएसएलसी परीक्षा में 86% अंक हासिल किए है। 

पारिवारिक जीवन 
अब्दुल मजीद अली कामरूप जिले, असम के चंगसारी शहर मे रहता है। उसके पिता एक दिहाड़ी मजदूर है और वह 16 वर्षीय का है। अली का कहना है कि उसने खुद को साबित कर दिया है कि उसके सपने हकीकत बन सकते हैं और वह अपने परिवार की परिस्थितियों को बदल सकता है। अली के पिता पास की एक कंपनी में एक मजदूर हैं और ट्रकों को लोड करने और उतारने में मदद करते हैं। लेकिन अली के माता-पिता ने उसे कभी भी पढ़ाई छोड़ने के लिए नहीं कहा। 

माँ ने सिखाना किया शुरू 
अली का कहना है कि उसकी माँ ने उसे सिखाना शुरू कर दिया था कि कैसे 3 साल की उम्र से पेंसिल पकड़ना है और वह कब से अभ्यास कर रही है। अली का स्कूल, धोपतारी सिलभरल हाई स्कूल है। स्कूल की तरफ से अली के लिए एक अलग कमरे में विशेष व्यवस्था की जाती है। साथ ही सहायक को परीक्षा के दौरान उसके साथ बैठने की अनुमति देता है ताकि उसे पन्नों को मोड़ने में मदद मिल सके। 

दिवंगत भौतिक विज्ञानी से मिली आगे बढ़ने की  प्रेरणा
मीडिया से बातचीत के दौरान अली से पूछे जाने पर कि उन्हें सीखने की प्रेरणा कहां से मिलती है, अली तुरंत दिवंगत भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग का नाम लेते हैं। "मैंने उसे एक वीडियो में देखा। वह हमारी तरह बात नहीं कर पा रहा था और न ही हमारी तरह चल पा रहा था और मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास बहुत कुछ है। मुझे विज्ञान पसंद है और मैं हॉकिंग के शोध को समझने की कोशिश करता हूं। वह एक बड़ी प्रेरणा हैं।" 

"मैं अपनी परीक्षा लिखने में पूरी तरह से सक्षम हूं। लेकिन कभी-कभी तीन घंटे से अधिक समय लगता है। स्कूल ने मुझे पेपर खत्म करने के लिए चार घंटे का समय दिया। इस सत्र में, मैं अपनी अरबी उत्तर पुस्तिका को 3 घंटे में प्रस्तुत करने में सक्षम था, जबकि मैथ्स की परीक्षा में समाप्त करने के लिए चार घंटे लग गए लेकिन कभी हार नहीं मानी और कामयाबी हासिल की।"

गौरतलब है कि इस परीक्षा में कुल 64.80 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इनमें कुल 66.93 फीसदी छात्रों ने सफलता हासिल की है। वहीं 62.91 प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं हैं। बता दें कि राज्य में 10वीं (SEBA/HSLC) बोर्ड परीक्षाओं की आयोजन 10 फरवरी से 29 फरवरी 2020 तक किया गया था। बता दें कि असम बोर्ड 10वीं की परीक्षा फरवरी माह में ही आयोजित हो गई थीं लेकिन कोरोना वारयस की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते नतीजों में देरी हुई।

Riya bawa

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