ग्वालियर के ग्रामीण डिजिटल स्कूल देश के लिये प्रेरणादायी: नायडू

Saturday, Sep 29, 2018 - 06:26 PM (IST)

नई दिल्ली : ग्वालियर के सरकारी स्कूलों की डिजिटल कक्षाओं के शुभारंभ कार्यक्रम में बोलते हुए उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गाँव एवं शहर के अंतर को कम करने के लिये साझा प्रयासों की जरूरत है और ग्रामीण डिजिटल स्कूलों का यह मॉडल पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने रिमोट कंट्रोल से जिले के 76 सरकारी स्कूलों की 100 डिजिटल कक्षाओं का शुभारंभ किया।  

उन्होंने कहा कि डिजिटल स्कूलों ने देश को महत्वपूर्ण एवं बड़ा संदेश दिया है। ग्रामीण विद्यार्थी अब डिजिटल तरीके से विज्ञान व गणित की पढ़ाई करेंगे। यह प्रोजेक्ट से हम नए भारत के निर्माण की ओर तेजी से कदम बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों से शहरों की ओर पलायन बढ़ा है। अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त शिक्षा की कमी भी पलायन का बहुत बड़ा कारण है।  उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था कि गाँव की ओर चलो। सभी को उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर गाँवों में ऐसे नवाचार करने की जरूरत है जिससे शहरों की ओर पलायन रूके। इसके लिए केवल सरकार पर निर्भर न रहकर निजी क्षेत्र, बुद्धिजीवी एवं मुस्कान फाउण्डेशन की तरह अन्य संगठनों को भी आगे आना होगा।  

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया कार्यक्रम 
उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि ग्रामीण डिजिटल स्कूलों के इस कार्यक्रम को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया गया है। अटल सरकार द्वारा रेल, हाईवे, वायु व पोर्ट कनेक्टिविटी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से हर गांव को बारहमासी सड़कों से जोड़ा। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय राजमार्ग बनवाए।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी क्रांतिकारी निर्णय लेकर न्यू इंडिया के निर्माण के लिए डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया का नारा दिया है। सबको नए भारत के निर्माण के लिए रिफॉर्म, परफॉर्म एवं ट्रांसफॉर्मेशन पर फोकस करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता, बेटी बचाओ, पेड़ बचाने के लिये भी आंदोलन शुरू किए हैं। ये सभी आंदोलन तभी सार्थक होंगे, जब ये जन आंदोलन का रूप लेंगे

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि डिजिटाइजेशन से शासकीय कामकाज में पारदर्शिता आई है एवं युवा नई तकनीक से जुड़कर नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का पहला ग्रामीण डिजिटल स्कूल ग्वालियर जिले के चीनौर ग्राम में स्थापित हुआ था। इस स्कूल की सफलता से प्रेरित होकर जिले के 76 सरकारी स्कूलों में एक सैंकड़ा डिजिटल कक्षाएं शुरू की गई हैं। 
 

bharti

Advertising