सरकार निजी स्कूल के शुल्क को नियंत्रित करने के लिए विधेयक लाएगी: सुशील

Thursday, Sep 06, 2018 - 09:44 AM (IST)

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि निजी स्कूलों द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्क को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार एक विधेयक लाएगी।  


पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षक दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुशील ने कहा कि राज्य में निजी स्कूलों द्वारा लगाए जा रहे अतिरिक्त शुल्क के विनियमन के लिए राज्य सरकार एक विधेयक लाएगी।  उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले से ही निजी स्कूलों में वसूले जा रहे अतिरिक्त शुल्क को नियंत्रित करने के लिए प्रावधान किए हैं इसलिए बिहार में भी इस तरह का कानून बनाया जाएगा ।  सुशील ने कहा कि राज्य में 13 नये डिग्री कालेज खोलें जायेंगे तथा उच्च विद्यालयों में डिजिटल क्लास रूम बनाये जायेंगे।  उन्होंने कहा कि साइकिल योजना के तहत अब तक लगभग एक करोड़ 30 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल दिए जा चुके है जबकि वर्ग एक से आठ तक के लगभग एक करोड़ छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष पोशाक योजना से लाभांवित कराया जा रहा है।  सुशील ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में प्रधानाध्यापक के साथ कम से कम एक शिक्षक प्रतिदिन अपना पूरा समय लगाते है। अत: राज्य सरकार ने इस योजना की राशि सीधे छात्र-छात्राओं के खाता में भेजने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया है ताकि शिक्षक गण विद्यालय के शिक्षण कार्य पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकें।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में शिक्षा पर 24 हजार 698 करोड़ रूपये खर्च किया गया था। इसमें 8000 करोड़ रूपये से अधिक की वृद्धि करते हुए वर्ष 2018-19 में 34 हजार, 333 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।  


सुशील ने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में प्राथमिक शिक्षा के लिए सर्वाधिक 22 हजार 887 करोड़ रू. का प्रावधान किया गया है, जबकि माध्यमिक शिक्षा के लिए 5209 करोड़ रू. उच्च शिक्षा के लिए 4295 करोड़ रू. का बजटीय प्रावधान है।  उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी कोटि की इंटरमीडिएट उतीर्ण करने वाली अविवाहित बालिकाओं को 10 हजार रूपये एवं स्नातक उतीर्ण करने वाली बालिकाओं को 25 हजार रूपये एकमुश्त प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का निर्णय लिया है।  सुशील ने कहा कि 7 से 12 वर्ष तक की किशोरी बालिकाओं के लिए सैनिटरी नेपकिन के लिए 150 रूपये की राशि को बढ़ाकर 300 रूपये प्रति बालिका कर दिया गया हैं।  उन्होंने कहा कि वर्ग 9 से 12 की छात्राओं के लिए पोशाक राशि 1000 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये कर दिया गया है। मैट्रिक पास करने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ी है और वर्ष 2018 में छात्र-छात्राओं का यह अनुपात लगभग बराबर हो गया है।  सुशील ने कहा कि शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत स्थान आरक्षित किये गये हैं, जिसके फलस्वरूप शिक्षिकाओं की संख्या 19 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत हो गई है।  कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने भी संबोधित किया ।
 

pooja

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