सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को अब मर्जी अनुसार नहीं मिलेगी मैडीकल छुट्टी

Wednesday, Jan 09, 2019 - 09:40 AM (IST)

अमृतसर  (दलजीत): पंजाब के सरकारी स्कूलों के अध्यापक अब अपनी मनमर्जी अनुसार मैडीकल छुट्टी नहीं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग ने विद्याॢथयों की परीक्षाओं को मद्देनजर रखते हुए अध्यापकों को मैडीकल छुट्टी देने पर मुकम्मल पाबंदी लगा दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी अध्यापक ने छुट्टी लेनी है तो सीनियर मैडीकल अधिकारी से तस्दीक करवाकर ऑनलाइन अप्लाई करे और छुट्टी विभाग के डायरैक्टर द्वारा जांच करने के उपरांत मंजूर की जाएगी। विभाग के आदेशों का यदि कोई अध्यापक उल्लंघन करता पाया गया तो उसे नौकरी से गैर उपस्थित समझते हुए संबंधित महीनों का वेतन नहीं दिया जाएगा। 


विभाग द्वारा इस संबंधी राज्यों के समूह स्कूल मुखियों को पत्र भी जारी कर दिया गया है। विभाग के उक्त फरमान के बाद अध्यापक संगठनों में रोष व्याप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि सभी शक्तियां चंडीगढ़ बैठे अधिकारियों को ही देनी हैं तो स्कूलों में क्यों गजटिड-1 अधिकारी बैठाए हैं। विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि यह समय विद्याॢथयों की पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य के बहुत से स्कूल मुखियों द्वारा शिकायतें प्राप्त होती हैं और ज्यादा अध्यापकों द्वारा मैडीकल बिना छुट्टियां भेजी जा रही हैं, खास कर जिनकी सेवानिवृत्ति का समय नजदीक है। 


कुछ अध्यापक तो ऐसे भी हैं जो बिना वेतन और छुट्टियां प्राप्त करने के लिए प्रार्थना पत्र भेज रहे हैं, जिनका मुख्य मंतव्य बची हुई छुट्टियों को लेना है। ऐसा करने के साथ विद्याॢथयों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए विभाग ने परीक्षाओं तक मैडीकल छुट्टी देने के लिए शक्ति स्कूल मुखियों से लेकर डी.पी.आई. को सौंपी है। डी.पी.आई. द्वारा छुट्टी ऑनलाइन आने के बाद जांच करवाई जाएगी कि क्या संबंधित अध्यापक को छुट्टी की जरूरत है कि नहीं। गंभीर बीमारियों वाले मामलों को पहले की तरह ही छुट्टी दी जाएगी।


गौरतलब है कि पहले अध्यापकों द्वारा छुट्टी स्कूल स्तर पर ही मैडीकल देकर ले ली जाती थी। बुखार या अन्य बीमारियां होने पर तुरंत छुट्टी मिल जाती थी परंतु अब अध्यापकों को बीमार होने के बावजूद छुट्टी के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ेगा। विभाग ने स्कूल और जिला स्तर पर मिलने वाली विदेश छुट्टी व चाइल्ड केयर लीन की शक्तियां भी अधिकारियों से छीनकर चंडीगढ़ उच्च अधिकारियों को सौंप दी हैं। 

विभाग का फरमान नादिरशाही है : अश्विनी अवस्थी
इस संबंध में डैमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के प्रधान अश्विनी अवस्थी ने कहा कि विभाग का फरमान नादिरशाही है। विभाग का सचिव कृष्ण कुमार मनमॢजयां कर रहा है। पंजाब सिविल सेवा नियमों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। स्कूलों में लगाए गए गजटिड-1 अफसरों को मिट्टी के मादो बनाकर सचिव द्वारा फरमान जारी किए जा रहे हैं। अब अध्यापकों को इस फरमान के बाद बीमार होने के बावजूद मैडीकल छुट्टी लेने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
 

Sonia Goswami

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