प्राईवेट स्कूलों को मात दे रहा सरकारी सकूल,हर कोई हो रहा Attract

Friday, Aug 31, 2018 - 02:02 PM (IST)

होशियारपुरः सरकारी स्कूलों में बढ़िया प्रबंध बहाल रखने के लिए होशियारपुर जिले के कई स्कूल काम कर रहे हैं परन्तु सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल सांधरा इन सभी स्कूलों के लिए एक मिसाल बना हुआ है। अच्छे सजाए हुए क्लास रूम, विद्यार्थियों के गले में लटके शिनाख्ती कार्ड और उनकी सुंदर स्कूली वर्दी, अनुशासन, साफ-सुथरा कैंपस, ई-लैब और अन्य सुविधाओं के पक्ष से यह स्कूल प्राईवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है। 

ज़िले का यह पहला ऐसा सरकारी स्कूल बन गया है, जहां सबसे पहले मिड-डे-मील डाइनिंग टेबल पर शुरू हुआ। धीरे -धीरे जिलो के कई ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने इस स्कूल से सीख लेकर अपने स्कूलों में भी बच्चों को डाइनिंग टेबल की सुविधा दी। 

सांधरा स्कूल की विलक्षण प्राप्तियों का श्रेय प्रिंसीपल तजिन्दर कुमार को जाता है, जिनकी तरफ से स्कूल में बढ़िया माहौल सृजन कराया गया। प्रिंसीपल की तरफ से 12वीं क्लास के पहले, दूसरे और तीसरे स्थान ऊपर आने वाले विद्यार्थियों को 11 हज़ार रुपए नकद इनाम के तौर पर दिए जाते हैं।

डिप्टी कमिश्नर ईशा कालिया ने प्रिंसीपल और स्कूल स्टाफ की प्रशंसा करते कहा कि ऐसे अध्यापकों सदका ही सरकारी स्कूलों में एक बढ़िया व्यवस्था पैदा हो रही है जिस कारण विद्यार्थियों को बढ़िया रचनात्मिक माहौल में मानक शिक्षा मिल रही है। यदि सरकारी स्कूलों में समूचा स्टाफ एक साथ काम करें तो सरकारी स्कूलों को भी प्राईवेट स्कूलों के बराबर बनाया जा सकता है।  

प्रिंसीपल तजिन्दर कुमार ने कहा कि स्कूल में जो विकास हो रहा है, वह टीम वर्क का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि स्कूल स्टाफ की तरफ से जहां स्कूल की छवि बदलने में योगदान पाया जा रहा है, वहीं जरूरतमन्द विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही हैं। 

 

इसके अलावा अध्यापकों की मेहनत सदका स्कूल का नतीजा करीब सौ प्रतिशत रहता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि वह सेवामुक्ति के बाद मिलने वाले अपने फंड का चौथा हिस्सा इस स्कूल को देंगे और ट्रस्ट बना कर दानी-सज्जनों की मदद के साथ इसमें ज़्यादा से ज़्यादा पैसा संचित करवाया जाएगा। एकत्रित किए जाने वाले इस फंड से मिलने वाले ब्याज के साथ स्कूल के विद्यार्थियों की फीस भरी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्कूल वैलफेयर समिति बना कर अब तक स्कूल के विकास के लिए दानी -सज्जनों के सहयोग के साथ साढ़े 6 लाख रुपए ख़र्च किए जा चुके हैं। 

Sonia Goswami

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