युवा के रोजगार एवं शिक्षा पर सरकार ने ध्यान दिया: कोविंद

Thursday, Jan 31, 2019 - 04:20 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के युवा वर्ग को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। यह देखते हुए उनकी सरकार ने कौशल विकास तथा स्वरोजगार पर ध्यान केन्द्रित किया है। 

 कोविंद ने गुरुवार को यहां संसद के बजट सत्र के प्रारंभ होने पर दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को सबोधित करते हुए कहा कि युवा ही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। भारत, दुनिया का सबसे युवा देश है और 21वीं सदी के युवा भारत की उम्मीदें, तथा उसके सपने मेरी सरकार की नीतियों-निर्णयों को प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अपने पैरों पर खड़ा होने की ललक रखने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत पिछले चार वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन एक करोड़ युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। आने वाले समय में देश में 15 हजार से ज्यादा आई.टी.आई., 10 हजार से ज्यादा कौशल विकास केन्द्र और 600 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रक, भारत के युवाओं के कौशल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि नौजवानों को अपने व्यवसाय के लिए आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिए ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, बिना किसी गारंटी के सात लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। इसका लाभ, ऋण प्राप्त करने वाले 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है।

इस योजना के तहत चार करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोगों ने पहली बार ऋण लेकर अपना व्यवसाय प्रारंभ किया है। इसके साथ ही मेरी सरकार ने ‘स्टार्ट अप इंडिया’ तथा ‘स्टैंड अप इंडिया’ के माध्यम से नौजवानों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आर्थिक सहायता प्रदान की है। जिसके फलस्वरूप आज भारत का नाम ‘स्टार्ट अप’ की दुनिया में अग्रिम पंक्ति के देशों में लिया जा रहा है। श्री कोविंद ने यह भी कहा कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना’ के द्वारा सरकार ने नौकरियों को इंसेन्टिव के साथ जोड़ा है। इस योजना के तहत, किसी नौजवान को नई नौकरी मिलने पर, जो कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) और कर्मचारी भविष्य निधि का 12 प्रतिशत, नियोक्ता की तरफ से दिया जाना होता है, वो पहले तीन वर्ष तक सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ देश के एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को मिल चुका है।

pooja

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