बाल गृहों के लिए बुनियादी सुविधा ढ़ांचा तैयार करने में जुटी सरकार

Wednesday, Dec 05, 2018 - 04:43 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार बाल गृहों में रहने वाले बच्चों को न्यूनतम बुनियादी सुविधा ढ़ांचा तथा सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये दिशा निर्देश तैयार कर रही जिनका देशभर के बाल आश्रय स्थलों को अनिवार्य रुप से पालन करना होगा।  

 

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि बाल आश्रय स्थलों में रहने वाले बच्चों को बुनियादी सुविधा ढ़ांचा तथा सुरक्षा देने के लिए दिशा निर्देश तैयार किए जा रहे हैं जो देशभर बाल सुधार गृहों, छात्रावासों तथा बच्चों के अन्य आवासों पर अनिवार्य रुप से लागू होंगे। ये दिशा निर्देश उन अभिभावकों के अनुरोध पर तैयार किए जा रहे हैं जो अपने बच्चों को बेहतर देखभाल और शिक्षा एवं प्रशिक्षण आदि के लिए बाल आश्रयों में रखते हैं। कई बार ये बच्चे ऐसे आश्रयों में रहते हैं जो बाल न्याय (बाल देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत पंजीकृत नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि तैयार किए जा रहे दिशा निर्देश इन सभी बाल आश्रय स्थलों पर भी लागू होंगे।  


 केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि विद्यालयों से संबद्ध छात्रावासों तथा अन्य छात्रावासों में रहने वाले बच्चे भी उतरने ही जोखिम में हैं जितने सरकारी बाल देखभाल केंद्रों और अन्य देखभाल केंद्रों में रहने बच्चे हैं। इसलिए इनके लिए दिशा निर्देश तैयार किए जा रहे हैं जो छात्रावासों और आश्रय स्थलों में रहने वाले बच्चों की पर्याप्त सुरक्षा, बुनियादी सुविधायें तथा पाक्षिक निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे। नये दिशा निर्देश तैयार करने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को आदेश दिए गए हैं। इसके बाद इन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा।   उन्होंने कहा कि विद्यालयों से संबद्ध छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन दिशा निर्देशों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ भी साझा किया जाएगा।

 

मंत्रालय ने कहा कि ये दिशा निर्देश उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरुप बनाये जा रहे हैं। न्यायालय ने कहा है कि सरकारी तथा गैर सरकारी आश्रय स्थलों में रहने वाले प्रत्येक बच्चे का बुनियादी सुविधाएं पाने का अधिकार है और केंद्र सरकार को इसके लिए उचित दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।

pooja

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