पटरी पर लौटा ज्ञान सागर मैडीकल कॉलेज,1000 कर्मचारियों को दिया वेतन

Wednesday, Jul 18, 2018 - 01:23 PM (IST)

चंडीगढ़ः वापसी के एक साल बाद, पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते ज्ञान सागर मैडीकल कॉलेज, बनूड़ को अनिवार्यता तथा कोई आपत्ति नहीं प्रमाण पत्र जारी तो कर दिया है लेकिन किसी भी मुद्दे को हल नहीं किया गया जिसके आधार पर प्रमाण पत्र वापस लेने के बाद कॉलेज को बंद कर दिया गया था। 

 

स्मरण रहे कि गत वर्ष बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के अधीन चल रहे ज्ञान सागर मैडीकल कालेज को बंद कर दिया गया था। कालेज बन्द होने से कालेज में शिक्षा प्राप्त कर रहे करीब 1500 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया था जिसके बाद बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ने ज्ञान सागर कॉलेज के विद्यार्थियों को बड़ी राहत प्रदान की ।

 

इस कालेज में मैडीकल की पढ़ाई कर रहे बच्चो के लिए रोड़ मेप तैयार कर सरकार को सौंपा गया था। मैडीकल कौंसल ऑफ इंडिया , नर्सिंग ओर डेंटल कौंसल के फैसले के बाद इन बच्चों को उसी फीस पर पंजाब के अलग-अलग कॉलेजो में शिफ्ट कर दिया गया था। इनमे मुख्य रूप से आदेश ग्रुप, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी  तथा एसजीआरटी यूनिवर्सिटी शामिल है।

 

इस पूरे मामले पर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर राज बहादुर ने बताया था कि ज्ञान सागर एक निजी दायरे में था, जिसे मिस मैनेजमेंट के कारण सरकार को यह कालेज बन्द करना पड़ा था। सरकार ने एनओसी और अनिवार्यता प्रमाण पत्र वापस लेने के दौरान मुख्य रूप से दो कारणों का हवाला दिया था। सबसे पहले, कॉलेज निर्धारित मानदंडों के अनुसार कर्मचारियों को वेतन और अनुदान का भुगतान नहीं करता था। हालांकि बार-बार आश्वासन के बाद भी कॉलेज प्रबंधन लगभग 1000 कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने में असफल रहा। इनमें लगभग 150 डॉक्टर शामिल थे, जिन्हें छह से आठ महीने के वेतन का भुगतान करने से इंकार कर दिया गया था। वेतन पाने में विफल होने के बाद, कर्मचारी हड़ताल पर गए और कॉलेज बंद हो गया था।

Sonia Goswami

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