मानवता के प्रति गांधी का जज्बा विश्व में छाया बहाल कर सकता है

Tuesday, Oct 02, 2018 - 09:48 AM (IST)

नई दिल्ली: महात्मा गांधी पर पुस्तकें लिखने वाले लेखकों का मानना है कि मानव हित के प्रति उनके जज्बे के साथ ही उनके जीवन के नियमों एवं सीखों का अनुकरण करने से दुनिया और सछ्वावपूर्ण स्थान बन सकती है।     

 2 अक्टूबर भारत के महान नेता मोहनदास कमरचंद गांधी की 150 वीं जयंती होगी। उनकी सत्य और अङ्क्षहसा की सीख की प्रतिध्वनि उनके गुजरने के 70 साल बाद भी दुनियाभर में सुनाई देती है।       

आस्ट्रेलियाई शांति शिक्षक मार्गेअ हेपवुड ने कहा कि ऐसे समय में जब विद्यालयों, कार्यस्थलों और राष्ट्रीय राजनीति में भी धौंसपट्टी है, घरेलू ङ्क्षहसा और अंतरराष्ट्रीय संघर्ष है, तब गांधी का  अहिंसा का आह्वान हमेशा की तरह आज भी प्रासंगिक है।       


‘द गांधी एक्सपेरीमेंट’ की लेखिका हेपवुड ने कहा, ‘‘वह हमें करुणा, समझ, स्वीकृति और क्षमा- जो किसी भी महान देश के आधारस्तंभ हैं, का पाठ पढ़ाते हैं। हम इस विश्व को और सछ्वावपूर्ण स्थल बनाने के लिए मानवता के लिए उनके जज्बे को आगे बढऩे के मार्गदर्शक के रुप में ले सकते हैं। ’’  ‘द लीडरशिप : द गांधी वे’ के लेखक वीरेंद्र कपूर का मानना है कि गांधी का विरोध का अहिंसक तरीका आज बहुत प्रासंगिक हो गया है।      

चंपारण में गांधी के आंदोलन पर गहन अध्ययन करने वाले पुष्यमित्र ने कहा कि सत्य और अहिंसा अहम उपरकण हैं और दुर्भाग्य से लोग भूल गये हैं कि उनका कैसे इस्तेमाल किया जाए।      

pooja

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