विद्याज्ञान के चार छात्रों को पूर्ण छात्रवृत्ति पर अमरीकी संस्थानों में प्रवेश

punjabkesari.in Monday, Jul 30, 2018 - 10:53 AM (IST)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के गांवों के आर्थिक रूप से कमजोर एवं प्रतिभाशीली छात्रों के लिए विद्याज्ञान लीडरशिप अकदामी के चार छात्रों को इस वर्ष पूर्ण छात्रवृत्ति के साथ अमेरिकी संस्थानों में प्रवेश मिला है।  आईटी कंपनी एचसीएल के संस्थापक शिव नादर द्वारा स्थापित फाऊंडेशन विद्याज्ञान का संचालन करता है। इस वर्ष केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई। छात्रों को जिन अमरीकी संस्थानों में प्रवेश मिला है उनमें बैबसन कॉलेज, ब्राइन माउर, यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर और हैवरफोर्ड कॉलेज शामिल हैं।  इसके साथ ही
विद्याज्ञान के विद्यार्थियों ने इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (आईआईटी), नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए), नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) जैसे संस्थानों में तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ प्रमुख कॉलेजों जैसे श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, लेडी श्रीराम कॉलेज, किरोड़ी मल कॉलेज एवं गार्गी कॉलेज आदि में प्रवेश मिला है। 

 

कई विद्यार्थियों को अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, लखनऊ यूनिवर्सिटी, क्रिस्ट यूनिवर्सिटी एवं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी प्रवेश मिला है। इस साल 2017 बैच के एक विद्यार्थी ने मैडीकल प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में सफलता अर्जित की और अब वह यूपी में दूसरे स्थान के कानपुर मैडीकल कॉलेज से मेडिसीन में ग्रेजुएशन करेगा।  
 

स्कूल ने 87 प्रतिशत के औसत अंक दर्ज किए तथा 36 प्रतिशत विद्यार्थियों से 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए। स्कूल की टॉपर, सुदीक्षा भाटी ने ह्यूमनिटीका में 98 प्रतिशत अंक अर्जित किए और वह बुलंदशहर से जिला टॉपर भी रही।  

 

इस अवसर पर शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी एवं विद्याज्ञान की अध्यक्ष रोशनी नादर मल्होत्रा ने कहा कि विद्यार्थियों ने केवल अच्छे ग्रेड और कॉलेज सीट ही हासिल नहीं की, बल्कि उन्होंने अपनी आर्थिक एवं  सामाजिक कमजोरियों जैसी सभी बाधाओं को पार करके साबित कर दिया कि यदि शिक्षा का सही वातावरण मिले, तो हर बच्चे में स्टार बनने की क्षमता है। इन विद्यार्थियों की सफलता से न केवल उनकी और उनके परिवारों की जिंदगी बदल जाएगी बल्कि और ज्यादा विद्यार्थियों तथा उनके परिवारों को बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा में निवेश करने का
प्रोत्साहन भी मिलेगा। 
 


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Sonia Goswami

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