फूड न्यूट्रिशनिस्ट बन संवारे अपना करियर, मिलेंगे आगे बढ़ने के मौके

Tuesday, Oct 31, 2017 - 12:53 PM (IST)

नई दिल्ली: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों के रहन-सहन और खान-पान पर बहुत प्रभाव डाला है। व्यस्तता के चलते लोग प्राय: अपने खान-पान का ध्यान नहीं रख पाते, जिससे आगे चलकर उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आहार विशेषज्ञ का रोल बहुत अहम होता है, जो लोगों को सही डायट के ज़रिए फिट रहने में मदद करता है। बारहवीं के बाद अगर आप बहुत ज्यादा पढ़ाई नहीं करना चाहते, तो आहार विशेषज्ञ यानी फूड न्यूट्रिशनिस्ट/डाइटीशियन बन सकते हैं।


क्या है न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स?
यह फूड साइंस से जुड़ा एक ऐसा कोर्स है, जिसमें फूड न्यूट्रिएंट्स के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसी के आधार पर बड़े स्तर पर लोगों में न्यूट्रिशन से जुड़ी समस्याओं को पहचानकर उन्हें दूर करने के लिए सामाजिक और तकनीक के स्तर पर समाधान तलाशे जाते हैं। यही नहीं, सरकारी इकाइयों और स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों को भी इन्हीं के अनुसार स्वास्थ्य नीति में बदलाव के सुझाव दिए जाते हैं।


कौन से कोर्स?
इस फील्ड में करियर प्लान करने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषय लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थी होम साइंस व फूड साइंस एंड प्रॉसेसिंग में बीएससी, फूड साइंस एंड माइक्रोबायोलॉजी, न्यूट्रिशन, न्यूट्रिशन एंड फूड साइंस और न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स में बीएससी ऑनर्स कर सकते हैं। इसके अलावा डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन में डिप्लोमा और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद आप इन्हीं विषयों में एमएससी कर सकते हैं। इस फील्ड में रिसर्च का भी काफी स्कोप है। हायर स्टडीज करने वाले विद्यार्थियों को इस फील्ड में मौके भी बहुत मिलते हैं। 


जरूरी स्किल्स 
अगर आपको फूड इंग्रीडिएंट्स में रुचि है और अलग-अलग पकवानों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री में मौजूद न्यूट्रिएंट्स के बारे में पढ़ना व उनके हिसाब से डाइट में परिवर्तन करना पसंद है, तो आप इस फील्ड में जरूर आएं क्योंकि इसमें आपको नियंत्रित डाइट का सही प्लान बनाने का तरीका सिखाया जाता है। बॉडी मास इंडेक्स के हिसाब से आप अपना खुद का फूड चार्ट भी डिजाइन कर सकते हैं।

 

भविष्य की संभावनाएं 
आप सरकारी क्षेत्र और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों में अपना करियर बना सकते हैं। अमूमन इस फील्ड में चार तरह के न्यूट्रिशनिस्ट काम करते हैं:


क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट 
ये हॉस्पिटल्स, आउटपेशेंट क्लिनिक्स और नर्सिंग होम्स में काम करते हैं। इसमें आपको रोगियों की बीमारियों के हिसाब से उनका डाइट चार्ट प्लान करना होगा।


मैनेजमेंट न्यूट्रिशनिस्ट 
ये न्यूट्रिशनिस्ट क्लिनिकल और फूड साइंस एक्सपर्ट्स होते हैं। ये बड़े संस्थानों में काम करने वाले एक्सपर्ट्स का मैनेजमेंट करते हैं। इसके अलावा इन्हें न्यूट्रिशनिस्ट्स की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जिम्मेदारी भी दी जाती है।


कम्युनिटी न्यूट्रिशनिस्ट 
ये सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों, हैल्थ एंड फिटनेस क्लब्स और डे-केयर सेंटर्स में काम करते हैं। इस क्षेत्र में किसी व्यक्ति विशेष के लिए काम न करके पूरे समुदाय पर फोकस किया जाता है।


मैनेजमेंट न्यूट्रिशनिस्ट 
ये न्यूट्रिशनिस्ट क्लिनिकल और फूड साइंस एक्सपर्ट्स होते हैं। ये बड़े संस्थानों में काम करने वाले एक्सपर्ट्स कामैनेजमेंट करते हैं। इसके अलावा इन्हें न्यूट्रिशनिस्ट्स की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जिम्मेदारी भी दी जाती है।


न्यूट्रिशन एडवाइजर 
ये एक्सपर्ट्स बिना किसी संस्थान से जुडे, किसी डॉक्टर की तरह अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस करते हैं और लोगों को न्यूट्रिशन से जुड़ी सलाह व मार्गदर्शन देते हैं। इस तरह की फ्रीलांसिंग में भी अच्छी संभावनाएं हैं। 


रोजगार के अवसर
न्यूट्रिशन एक उभरता हुआ क्षेत्र है। इसमें जॉब की भरपूर संभावनाएं हैं। हॉस्पिटल, हैल्थ, कैंटीन, नर्सिंग केयर, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में टीचर के रूप में आप काम कर सकते हैं। इसके अलावा केटरिंग डिपार्टमेंट, फाइव स्टार होटल, फूड मैन्युफैक्चरिंग रिसर्च लैब, चाइल्ड हेल्थ केयर सेंटर, ब्यूटी क्लीनिक, फिटनेस सेंटर और सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में भी आप अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। न्यूज़ पेपर, मैगजीन, टीवी चैनल आदि जगह भी आप काम कर सकते हैं। 


इस फील्ड में वेतन भी काफ़ी आकर्षक है। यदि आप ट्रेनी डाइटीशियन के रूप में करियर की शुरुआत करते हैं, तो आपकी न्यूनतम आय 10,000 रुपए प्रति माह होगी। 2-3 साल का अनुभव होने के बाद आप 25,000 रुपए से ज्यादा हर माह कमा सकते हैं। फेमस होने के बाद सैलरी बहुत ज्यादा हो जाती है।

प्रमुख संस्थान
दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली।
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी, उत्तर प्रदेश।
कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता।
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब।
कानपुर यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश।
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना, मध्य प्रदेश।
जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर, उत्तराखंड।
मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई।
नागपुर यूनिवर्सिटी, नागपुर।

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